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TDP-NDA के अलग होते ही JDU ने फिर दोहराई ये मांग

नई दिल्ली। जब आंध्र प्रदेश में एनडीए के खिलाफ तेलुगु देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस ने मोर्चा खोल रखा है, ऐसे में बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी जता दिया है कि वो भी अपनी मांग को भूली नहीं है.

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने याद दिलाया है कि नीतीश कुमार बिहार के लिए पहले भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.

केसी त्यागी ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि बिहार के सीएम नीतीश ने पहले भी सरकार से बिहार के लिए विशेष दर्जा मांगते रहे हैं और वो अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

केसी त्यागी ने टीडीपी-एनडीए के अलग होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, ‘एक बड़े गठबंधन में मतभेद होते ही हैं. हालांकि, इससे एनडीए सरकार को तो कोई खतरा नहीं है लेकिन टीडीपी का एनडीए से अलग होना दुर्भाग्यपूर्ण है.’

In a big alliance, small difference of opinions happen. There is no danger to NDA government. But, withdrawing from NDA is unfortunate: KC Tyagi, JDU

बिहार में जेडीयू और बीजेपी की गठबंधन की सरकार है. पिछले साल नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से अलग होकर अपनी पुरानी साथी बीजेपी के सहयोग से सरकार बना लिया था.

जेडीयू बिहार में टैक्स हॉलिडे ऑफर कर औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार से राज्य को विशेष दर्जा दिलवाना चाहती है. अब शुक्रवार को फिर पार्टी ने उस मौके पर ये मुद्दा उठाया है, जब आंध्र प्रदेश में टीडीपी एनडीए से अलग हो गई है और वाईएसआर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही है.

वाईएसआर कांग्रेस के इस कदम का टीडीपी ने तो समर्थन किया ही है, अन्य पार्टियों कांग्रेस, सीपीआई(एम), तृणमूल कांग्रेस, एमआईएम ने भी इसको अपना समर्थन दिया है.

चंद्रबाबू काफी वक्त से आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं. पिछले एक महीने में उन्होंने अपनी इस मांग को तेज किया. मोदी सरकार की ओर से अनदेखी के विरोध में टीडीपी के दो केंद्रीय मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया था और अब टीडीपी ने आखिरकार एनडीए से अपने रास्ते अलग कर लिए हैं.

इसके पहले अभी तक बिहार को विशेष दर्जा दिलवा पाने में असफल रहे नीतीश कुमार काफी आलोचना झेलते रहे हैं. तेजस्वी यादव ने हाल ही में नीतीश कुमार पर ये कहकर निशाना साधा कि वो बीजेपी के  साथ सरकार बना लेने के बाद राज्य को विशेष दर्जा दिलवाने के वादे को भूल गए हैं.