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शेयर बाजार धड़ाम: सेंसेक्स में 700 से अधिक नीचे, निफ्टी में भी आई गिरावट

घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को फिर बड़ी गिरावट देखने को मिली। मंगलवार के कारोबारी सेशन में घरेलू सेंसेक्स में 700 से अधिक अंकों की गिरावट देखने को मिली। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी ट्रेडिंग सेशन के दौरान 17900 के नीचे फिसलता दिखा।हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 631.83 अंकों की गिरावट के साथ 60,115.48 अंकों पर जबकि निफ्टी 187.05 अंक फिसलकर 17914.15 अंकों पर बंद हुआ। बाजार में आयशर मोटर्स और यस बैंक के शेयरों में तीन-तीन प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।

मंगलवार के कारोबारी सेशन में भारतीय बाजार में महज ऑटो और फार्मा सेक्टर में ही हरे निशान पर कारोबार करते दिखे। बाजार में वोलैटिलिटी इंडेक्स (VIX) 8% तक चढ़ गया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 22 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। भारती एयरटेल के शेयरों में जहां 2.92% की गिरावट दिखी वहीं एसबीआई के शेयर भी 2.03% तक टूटते नजर आए। दूसरी ओर सेंसेक्स के महज आठ शेयर बाजार बंद होते समय हरे निशान पर कारोबार करते दिखे। इनमें टाटा मोटर्स के शेयरों में 6.07% और पावर ग्रिड के शेयरों में 1.39% की मजबूती दिखी। इस दौरान टाटा स्टील के शेयर भी 1.15% तक मजबूत हुए।

# फेड के रुख पर आशंका और एफआईआई की बिकवाली के कारण कमजोर हुआ बाजार
मंगलवार को भारतीय बाजार में बिकवाली का बड़ा कारण एफआईआई की ओर से की गई बिकवाली रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से की गई बिकवाली के कारण भारतीय बाजार ने सोमवार को हासिल बढ़त फिर से गंवा दी है। मंगलवार के कारोबारी सेशन के बाद दलाल स्ट्रील के निवेशकों की संपत्ति में करीब 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस दौरान घटकर 280 लाख करोड़ रह गया है।
# जनवरी महीने में ही 8548 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं एफआईआई
बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि आज की बिकवाली का कारण एफआईआई की ओर से की गई बिकवाली हो सकती है। उन्होंने इस महीने अब तक 1 अरब डॉलर से अधिक के भारतीय शेयर बेचे हैं। कल भी एफआईआई ने 203 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे थे। एनएसडीएल के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में अब तक एफआईआई की ओर से की गई कुल निकासी 8,548 करोड़ रुपये है। विश्लेषकों का कहना है चीन के बाजार फिर से खुलने के बाद एफआईआई के पैसे का एक हिस्सा ऐसे उभरते बाजारों में स्थानांतरित हो सकता है जो भारत की तुलना में कम खर्चीला है।