नई दिल्ली। आरएसएस राम मंदिर को लेकर सोशल मीडिया पर अपने मेंबर्स और समर्थकों के लिए ट्रेनिंग सेशन आयोजित करने जा रहा है। इसे ‘राम मंदिर, एक वास्तविकता’ का नाम दिया गया है। यह सेशन 20 फरवरी को होगा।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने हाल में कहा था कि राम मंदिर के निर्माण का अभियान तेज करने की जरूरत है। आरएसएस नेताओं ने बताया कि इसके बाद ही ट्रेनिंग सेशन की योजना बनाई गई है। सोशल मीडिया पर ट्रेनिंग सेशन आरएसएस के लिए नई बात नहीं है। वह असहनशीलता और आर्टिकल 370 पर इस तरह के सेशन पहले कर चुका है।
राम मंदिर सेशन के लिए स्वयंसेवकों के बीच जो फॉर्म बांटा गया है, उसमें उन्हें कॉन्टैक्ट डिटेल के साथ यह जानकारी देनी है कि फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप में किस प्लेटफॉर्म पर वे सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।
ट्रेनिंग सेशन का आयोजन करने वालों ने बताया कि जिन कार्यकर्ताओं को ट्विटर पर बड़ी तादाद में लोग फॉलो करते हैं, वे इसे हैंडल करेंगे।
आरएसएस के एक प्रचारक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘हम इस मामले के तथ्यों को सामने रखना चाहते हैं। अदालतों के फैसले, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की स्टडी और कुछ मुसलमानों के बयान, जिसमें अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थल मानते हुए वहां मंदिर बनाने की बात कही गई है, उन्हें ट्रेनिंग सेशन के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा। जब इस तरह की सूचना सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाएगी तो लोगों को सचाई का पता चलेगा।’
आरएसएस के जो मेंबर्स इस इवेंट को ऑर्गनाइज कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि 1,000 लोग पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। उन्हें तादाद में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। हालांकि, राम मंदिर सेशन के लिए सिर्फ 250 लोगों को चुना जाएगा।
प्रचारक ने कहा कि हम ऐसे लोग चाहते हैं, जो सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव हैं और जो तथ्यों के जरिए इंटरनेट ऑडिएंस पर असर डालने में सक्षम हैं। ये लोग जिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, उस आधार पर उन्हें संबंधित मटीरिअल दिया जाएगा।’
पिछले महीने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश के लोगों के मिलकर राम मंदिर बनाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि मंदिर मेरे जीवनकाल में बनेगा। हमें इसके लिए सावधानी से योजना बनानी होगी। इसके लिए जोश और होश दोनों से काम लेना होगा।’ इस भाषण के बाद आरएसएस के ऑफिशल ट्विटर हैंडल से भागवत के बयान का जिक्र करते हुए लोगों को ट्वीट भेजे गए थे।