गिलगिलत बालिस्तान। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित बालिस्तान में स्थानीय लोग पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए हैं। इन लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन के बाद करीब 500 युवाओं को हिरासत में ले लिया गया है। पकड़े जाने वाले लोगों में वहां के जानेमाने ऐक्टिविस्ट बाबा जान भी हैं।
कुछ दिनों पहले एशियन ह्यूमन राइट कमिशन ने अपने एक बयान में गिलगित बालिस्तान की पुलिस द्वारी की जा रही ज्यादतियों के खिलाफ एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि पुलिस स्टेशन खुलने से शांत इलाकों में अशांति हो गई है और पुलिस लोगों से जबरन वसूली का काम करती है।
शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पीओके भी भारत का ही हिस्सा है। उनका यह बयान पाकिस्तान के लिए जवाब की तरह था जो पिछले कुछ समय से भारत के हिस्से वाले कश्मीर में जारी अशांति पर लगातार बयान दे रहा है।
पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से पीओके मेंअलग प्रशासनिक इकाई के जरिए शासन किया जाता है। यहां के गुस्साए लोगों ने कहा है कि करीब 500 युवाओं को राजनीतिक अधिकारों की मांग करने और पाकिस्तानी सेना को गिलगित से बाहर करने की मांग करने पर पकड़ लिया गया है।
गुस्साए युवाओं ने गिलगित की गलियों में उतरकर पाकिस्तानी सरकार और संस्थाओं के विरोध में प्रदर्शन किया। ये लोग गिलगित के अलग-अलग इलाकों अस्तोर, दियामिर और हुनजा में प्रदर्शन कर रहे थे। सुन्नी बहुल पाकिस्तान में केवल ये इलाके ही शिया बहुल हैं।
WATCH: Protest in Pak occupied Gilgit Baltistan against Pakistan and demanding release of activist Baba Janhttps://t.co/KuIFEVDZsS
— ANI (@ANI_news) August 13, 2016
गिलगित में राजनीतिक दमन और गिरफ्तारियां वहां बन रहे ‘चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर’ (CPEC) का विरोध करने को लेकर की गई हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से इस प्रॉजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि इससे केवल चीन और पाकिस्तान के पंजाबी व्यापारियों को फायदा होगा। इससे पहले भी लोगों ने मुआवजे और इस प्रॉजेक्ट में स्थानीय लोगों की सहमति न लेने को लेकर भी विरोध की आवाज उठाई थी।
विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट में स्थानीय लोगों की हिस्सेदारी न होने से गुस्साए युवा विरोध करते हैं तो उनका कड़ाई से दमन किया जाता है। करीब 500 युवा जेल में हैं। बाबा जान को पकड़े जाने के बाद और भी लोग सड़कों पर उतर आए हैं और उनको रिहा करने की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान व्यापक तौर पर मानवाधिकारों का हनन कर रहा है।