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पेप्सिको प्लांट का उद्घाटन, सीएम योगी बोले-यूपी में अपराध कम हो गए हैं, पुलिस का राज चल रहा है, वहीं कानून के डर से अपराधियों की पैंट गीली हो रही है

गोरखपुर सीएम ने कहा कि आम समाज को जागरूक करने में प्रबुद्धजनों की बड़ी भूमिका होती है। आज यूपी और गोरखपुर विकास व सुशासन के जिस नए कीर्तिमान को स्थापित कर रहा है, उसमें प्रबुद्धजनों की बड़ी भूमिका है। इसी का परिणाम है कि देश में यूपी और गोरखपुर की छवि बदली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरक्षनगरी में अंतरराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको के फ्रेंचाइजी प्लांट का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि पेप्सिको का प्लांट लगने से 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा, इसके अलावा कइयों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। गोरखपुर में इतने प्लांट लग रहे हैं कि अब युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी में अपराध कम हो गए हैं। यहां पुलिस का राज चल रहा है, वहीं कानून के डर से अपराधियों की पैंट गीली हो जा रही है।

उन्होंने कहा कि एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्युमेबल गुड्स) का बड़े प्लांट लगने से रोजगार के साथ ही छोटी आपूर्तिकर्ता कंपनियों, पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर का विस्तार होगा। कंपनी गोरखपुर के अलावा प्रयागराज, अमेठी और चित्रकूट में भी प्लांट लगाएगी।

 

पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण बेवरेजेज ने गीडा में करीब 1100 करोड़ रुपये के निवेश के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू किया है। इस निवेश के धरातल पर आने से 1500 लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार मिलेगा। गीडा की तरफ से औद्योगिक गलियारे में इसके लिए 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।

छह वर्षों में बदल गई गोरखपुर की छवि

सीएम ने कहा कि आम समाज को जागरूक करने में प्रबुद्धजनों की बड़ी भूमिका होती है। आज यूपी और गोरखपुर विकास व सुशासन के जिस नए प्रतिमान को स्थापित कर रहा है, उसमें प्रबुद्धजनों की बड़ी भूमिका है। इसी का परिणाम है कि देश में यूपी और गोरखपुर की छवि बदली है।

योगी ने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा हमेशा आगे बढ़ाती है। इसी का परिणाम है कि सुशासन व बेहतर कानून व्यवस्था के जरिए निवेश, पर्यटन, आर्थिक समेत सभी क्षेत्रों में विकास के लिए प्रदेश ने खुद को स्थापित किया है। गोरखपुर इसका उदाहरण है। गोरखपुर पहले उपेक्षित था। कानून व्यवस्था, यहां की छवि, बिजली, सड़कें, संपर्क माध्यम की सुविधा ठीक नहीं थी। कोई निवेश नहीं करना चाहता था। गोरखपुर के नाम से लोगों में भय होता था, लेकिन पिछले छह वर्षों में गोरखपुर की छवि बदल गई है। अब गोरखपुर का नाम लेने से सम्मान का भाव प्रदर्शित होता है। इसे बरकरार रखने और अभिवृद्धि करने का दायित्व हर नागरिक पर है।