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भाजपा सरकार ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत पांच वर्षों में अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया: गोहिल

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत पांच वर्षों में अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है। वहीं, गुजरात सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने आरोप को ‘गुमराह करने वाला’ करार देते हुए कहा कि भुगतान सिर्फ अंतरिम है और अंतिम नहीं। गोहिल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूएनएल) ने अडाणी पावर को अक्टूबर 2018 और मार्च 2023 के बीच 13,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि निजी कंपनी ने (अपने ऊर्जा संयंत्रों के लिए) कोयला खरीद का कोई बिल या संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा।

कथित तौर पर जीयूवीएनएल द्वारा 3,802 करोड़ रुपये की मांग करते हुए 15 मई 2023 को अडाणी पावर मुंद्रा को लिखा गया एक पत्र भी उन्होंने प्रस्तुत किया। इस अतिरिक्त रकम का भुगतान जीयूवीएनएल ने उक्त निजी कंपनी के साथ किये गये दो ऊर्जा खरीद समझौते के तहत ऊर्जा शुल्क के तौर पर किया था। कांग्रेस नेता ने इसे भ्रष्टाचार, धन शोधन, सार्वजनिक धन की लूटखसोट और इनसे भी आगे मित्रवाद का एक महत्वपूर्ण मामला बताया जिसका प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और उनकी सरकार प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इस ‘बड़े घोटाले’ की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों से जांच कराने की मांग की। गोहिल ने दावा किया कि जीयूएनएल ने यह माना है कि उसने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी के कथित फर्जीवाड़ा का खुलासा किये जाने के बाद अडाणी पावर को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया।