नई दिल्ली। अपने घोटालों का ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों और भी बड़ी समस्या से घिरती नज़र आ रहीं हैं. तृणमूल कांग्रेस के लिए गले की फांस बन चुका नारदा स्टिंग मामला अब ममता के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करने वाला है. नारदा मामले की सीबीआई जांच कराई जाने को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में मामला चल रहा है और सुनवाई के दौरान सीबीआई ने हाईकोर्ट में कह दिया है कि वो कोर्ट के निर्देश पर जांच शुरू कर सकती है.
ममता की जान आफत में
गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के वक़्त नारदा न्यूज ने एक स्टिंग आपरेशन किया था. ये स्टिंग नारदा न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने करवाया था. स्टिंग आपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्रियों और नेताओं के अलावा एक आईपीएस अफसर घूस लेते कैमरे में कैद हो गए थे.
मामला दबाने की कोशिशें नाकाम
यहां आपको बता दें कि नारदा न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने कोर्ट में बयान दिया था कि तहलका डॉट कॉम ने उनसे ये स्टिंग करने के लिए कहा था. ये स्टिंग आपरेशन 2014 में ही कर लिया गया था, लेकिन टीएमसी के राज्यसभा सांसद और बिजनेसमैन केडी सिंह ने तहलका डॉट कॉम का मालिकाना हक हासिल कर लिया जिसके बाद उसके टेप् जारी नहीं किए गए थे. बाद में जब मैथ्यू सैमुअल नारदा न्यूज के सीईओ बने तब उन्होंने इन टेप को सार्वजनिक किया.
सांसदों के साथ ममता भी जा सकती हैं जेल
इस मामले की सीबीआई जांच शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के कई नेता जांच के घेरे में आ जाएंगे. घूसखोरी के आरोपी मंत्रियों के वकील हाई कोर्ट में सीबीआई जांच का विरोध कर रहे हैं और बड़ी ही अजीब सी दलील दे रहे हैं. उनकी ओर से कहा जा रहा है कि सीबीआई को जांच इसलिए नहीं सौंपनी चाहिए क्योंकि इससे जांच में देरी हो सकती है. मतलब कहने का क्या है? क्या सीबीआई जानबूझ कर मामले को लटकाती है? या फिर डर ये है कि सीबीआई यदि जांच करेगी तो सभी भ्रष्ट नेता जेल जाएंगे, और यदि लोकल पुलिस जांच करती है तो मुख्यमंत्री साहिबा के दबदबे के चलते मामले को रफा-दफा करवा दिया जाएगा?
पहले शारदा घोटाला, फिर रोजवैली घोटाला और अब नारदा स्टिंग कांड के कारण ममता बनर्जी पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी हैं. उनके कई सांसद गिरफ्तार किये जा चुके हैं और स्टिंग मामले की जांच शुरू होते ही कई अन्य सांसद और नेता भी जेल की हवा खाते नज़र आएंगे.