नई दिल्ली। वर्ष 1984 में सिख विरोधी दंगों की जांच से जुड़ी फाइल गायब हो गई है। दिल्ली सरकार ने फाइल को खोजने के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है और संबंधित विभागों को कहा है कि वे इस फाइल को तलाशने में मदद करें। दिल्ली सरकार ने दंगों की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया था। फाइल उसी से जुड़ी हुई है। उधर, फाइल गुम होने के बाद केजरीवाल सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है।
ये फाइलें पिछले साल उस वक्त से गायब हैं, जब दिल्ली सरकार के गृह मंत्री जितेंद्र तोमर थे। बाद में फर्जी डिग्री विवाद की वजह से उन्हें मंत्री के पद से हटा दिया गया था।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केजरीवाल सिखों पर केवल राजनीति करना चाहते हैं, 84 की फाइलें पिछले 10 महीनो से मिसिंग हैं और उन्हें खबर नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल को दादरी और हैदराबाद जाने के लिए वक्त है, लेकिन 10 महीने से गायब फाइल के बारे में पता लगाने का वक्त नहीं है।
Hyd aur Dadri jaane se fursat milegi tab shayad Kejriwal ji is pe chinta karenge-Sambit Patra,BJP on reports of 84′ riots SIT file missing
— ANI (@ANI_news) January 22, 2016
दिल्ली सरकार के डेप्युटी सेक्रेटरी (होम) आशीष कुमार ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा सिख दंगों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी से जुड़ी फाइल गायब हो गई है। गृह विभाग से गायब फाइल का पिछले साल 16 मार्च के बाद से पता नहीं चला है। जारी किए गए सर्कुलर में संबंधित विभागों से गुजारिश की गई है कि वे इस फाइल को तलाश करें और उसे दिल्ली सरकार के मुख्यालय में स्थित गृह विभाग तक पहुंचा दें।
सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग फाइल की लगातार खोज कर रहा था, लेकिन उसके न मिलने और किसी विवाद से बचने के लिए उसे यह सर्कुलर जारी करना पड़ा। इस मसले पर दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने के बाद सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था और दंगों से जुड़ी सभी फाइलों को एसआईटी जांच में शामिल कर दिया था। इस दौरान सरकार ने दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया। सूत्र बताते हैं कि अधिकतर फाइलें गायब हो चुकी हैं।