नई दिल्ली। ऑटोमोबाइल कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक अप्रैल से BS-III वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। कोर्ट का फैसला उस याचिका पर आया है जिसमें 31 मार्च के बाद ऐसे वाहन बेचने पर लगी रोक को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि लोगों की सेहत, ऑटोमोबाइल कंपनियों की फायदे से ज्यादा जरूरी है। साथ ही अदालत ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़क पर आने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) और अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कई सख्त टिप्पणियां कीं। अदालत ने कहा, ‘एक अप्रैल से BS-IV लागू होना था, फिर भी कंपनियां टेक्नॉलजी को विकसित करने को लेकर बैठी रहीं।’
#FLASH Supreme Court orders that BS-III vehicles will not be sold from 1 April onwards
इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने मंगलवार को कोर्ट में कहा था कि कंपनियां उत्सर्जन मानकों को मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्होंने BS-IV वाहनों का निर्माण भी शरू कर दिया है पर मौजूदा स्टॉक को खत्म करने के लिए 7-8 महीने का वक्त दिया जाना चाहिए। इसपर कोर्ट ने कहा था कि केंद्र ने BS-IV मानक वाले ईंधन उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कंपनियों को उनके गोदाम में रखे BS-III मानक वाले वाहनों की बिक्री की अनुमति देकर प्रदूषण पर लगाम लगाने के सरकारी प्रयासों को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से साफ कहा था कि वे बेहतर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये BS-III मानक वाले वाहनों को बेचकर, प्रदूषण पर काबू पाने के सरकारी प्रयासों को पलीता न लगाएं।
बता दें कि देशभर में करीब 8.5 लाख गाडियां BS-III मानकों की हैं। इनमें करीब 6 लाख मोटरसाइकलें शामिल हैं। स्टॉक में मौजूद BS-III वाहनों की अनुमानित कीमत 12 हजार करोड़ रुपये।