कोलकाता। इंटरनैशनल विमिंज डे के मौके पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने हत्या के आरोप में 14 साल से जेल में बंद एक महिला की सजा को 10 साल कम कर उसे रिहा करने का आदेश दिया। इस महिला को हंसिये से उस शख्स की हत्या का दोषी पाया गया था जो उससे रेप की कोशिश कर रहा था।
यह महिला पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले की निवासी है। जब उसे हत्या का दोषी ठहराया गया था तब उसकी उम्र 53 साल थी। हत्या के जुर्म में निचली अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा के बाद इस महिला के बच्चों ने उससे अपने संबंधों को खत्म कर लिया था। महिला का पति दिमागी तौर पर विक्षिप्त है और वह मिदनापुर स्थित घर में रहता है।
महिला फिलहाल पुरुलिया की जेल में बंद है। पहले भी उसकी रिहाई की कोशिशें हुई थीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। वकीलों जयंत नारायण चटर्जी और देबाशीष बनर्जी ने अपने खर्चे पर निचली अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
अब जस्टिस देबाशीष कर गुप्ता और जस्टिस मुमताज खान की अगुवाई वाली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने मंगलवार को महिला की सजा को 10 साल कम कर दिया और उसकी रिहाई का रास्ता साफ कर दिया। बेंच ने कहा कि इस महिला ने सिर्फ खुद की रक्षा के लिए हत्या की थी, इसलिए उसके कार्य को सुनियोजित हत्या के तौर पर नहीं देखा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि महिला जेल में 14 साल की सजा काट चुकी है, इसलिए जल्द से जल्द उसकी रिहाई का रास्ता साफ किया जाए।