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रेलवे क्रॉसिंग बंद होते ही दो हिस्सों में बंट जाता है शहर

पडरौना। शहरवासियों को जाम से बचाने के लिए ओवरब्रिज या अंडरपास एकमात्र उपाय है। शहर के बीच से गुजरी रेल लाइन पर बने पांच क्रॉसिंग रोज 10 से 12 बार बंद रहते हैं।
इस दौरान जाम की समस्या बढ़ जाती है। व्यवसायी और शहरियों का कहना है कि बिना ओवरब्रिज या अंडरपास बने, जाम से निजात नहीं मिल सकता।
जिला मुख्यालय होने की वजह से पडरौना नगर में दूरदराज के गांवों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। देर शाम तक यहां की सड़कों पर दो और चार पहिया के वाहनों का दबाव बन रहता है। पड़ोसी राज्य बिहार का सीमावर्ती जनपद होने के नाते बिहार के सीमावर्ती गांवों के लोग खरीदारी करने यहां आते हैं। इससे शहर में भीड़ बनी रहती है।
शहर के बीचो-बीच से होकर रेलवे लाइन गुजरती है। बावली चौक के पास खड्डा रोड, साहबगंज, नौका टोला, कोतवाली रोड और नोनियापट्टी बाईपास रोड समेत कुल पांच रेलवे क्रॉसिंग है। किसी भी ट्रेन के आने-जाने पर रेल प्रशासन की तरफ से नोनियापट्टी बाईपास को छोड़कर एक साथ सभी चारों रेलवे क्रॉसिंग बंद कर दिए जाते हैं। इससे शहर दो हिस्सों में बंट जाता है। इसके चलते शहर की रफ्तार कुछ देर के लिए थम जाती है। ढाला खुलने पर करीब 20 मिनट से एक घंटे तक जाम की स्थिति बनी रहती है। इस दौरान जल्दी आगे निकलने की होड़ में कई बार छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सचिन चौरसिया का कहना है कि पडरौना शहर की आधी आबादी रेलवे क्रॉसिंग के उत्तर तो आधी आबादी शहर के इसके दक्षिण में बसी है। रेलवे ढाला बंद होते ही शहर में जाम की समस्या बढ़ जाती है।
व्यापारी अक्षय स्वर्णकार ने कहा कि जब रेल लाइन बनी थी, तो उस समय शहर की आबादी कम थी। अब बढ़ गई है। शहर में रेलवे की तरफ से बने कुल पांच क्रॉसिंग में से चार एक साथ बंद हो जाते हैं। ये चारों रेलवे ढाला शहर के मुख्य आबादी के बीच है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री आशीष खेतान ने कहा कि शहर में लोगों का आवागमन प्रभावित न हो, इसके लिए दो रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरपास बन जाए तो लोगों का आवागमन सामान्य हो जाएगा।
व्यापारी विनम्र कसौधन का कहना है कि कोतवाली रोड पर बने रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रीज और नौका टोला के रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरपास की मांग कई बार की गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। विधानसभा चुनाव के लिए प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। इनमें से भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार शहर के हैं। ये दोनों इस समस्या से अवगत हैं, लेकिन ओवरब्रिज या अंडरपास बनवाने के लिए कोई वादा नहीं किया गया है।