बस्ती। बिना आराम किए लगातार वाहन चलाने, बिना चालक बदले लंबी दूरी का सफर, गंतव्य तक जल्दी पहुंचने का दबाव अक्सर जिंदगी पर भारी पड़ रहा है।
बावजूद इसके लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।
आंकड़े गवाह हैं कि पिछले एक वर्ष में हुए 174 सड़क हादसों में 70 फीसदी हादसे चालक की लापरवाही के कारण हुए, जिसमें तीन फीसदी हादसे चालक को झपकी आने के कारण हो रहे हैं। अधिकतम पांच से आठ सेकेंड की झपकी में न जाने कितने परिवार की खुशियां छिन जा रही हैं। एनएचएआई के सेप्टी मैनेजर श्याम अवतार शर्मा का कहना है कि रात दो बजे से सुबह सात बजे के बीच होने वाले 50 फीसदी हादसे चालक को झपकी आने के कारण हो रहे हैं।
एसपी आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि सड़क सुरक्षा माह के दौरान इस संबंध में चालकों को काफी आगाह किया जाता है। यातायात पुलिस को भी लगातार बताया जाता है कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाले चालकों को समझाएं कि वे तीन-चार घंटे के अंतराल पर वाहन खड़ा करके आराम कर लें।
पांच लोगों की गई थी जान
12 अगस्त 2021 को लखनऊ के अब्दुल अजीज अपने परिवार के साथ झारखंड अपने पैतृक गांव जा रहे थे। गोटवा बाजार नगर थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कटया के पास खड़े कंटेनर में उनकी कार जा टकराई। हादसा इतना भयानक था कि कार में सवार अब्दुल अजीज समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। कार चालक को नाजुक हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने इलाज के दौरान बताया कि उसे हल्की झपकी आ गई थी।
पलटी थी मिर्च लदी डीसीएम
सात नवंबर 2021 को फोरलेन पर कानपुर से पश्चिम बंगाल हरा मिर्च लादकर जा रही डीसीएम के चालक को झपकी आने से कप्तानगंज थाने के ककुआ रावत के पास वाहन बेकाबू होकर सड़क किनारे खड़ी एक बाइक को रौंदते हुए गड्ढे में जाकर पलट गया। हादसे में चालक डीसीएम में फंस गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से उसे बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
अमहट पुल से लटक गई थी एंबुलेंस
23 सितंबर 2021 को गुरुग्राम से गोरखपुर शव लेकर जा रही एंबुलेंस बस्ती फोरलेन पर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत स्थित कुआनो नदी के पुल की रेलिंग से टकराकर नदी की तरफ लटक गई। गनीमत रही कि एंबुलेंस नदी में नहीं गिरी। घटना से अंदर बैठे लोग घबराकर चिल्लाने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस और एनएचएआई की टीम ने एंबुलेंस को निकलवाया।