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राहत: सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक की जमानत छह महीने तक बढ़ाई

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मलिक ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे मामले में चिकित्सा आधार पर जमानत देने से इनकार करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के 13 जुलाई, 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के बाद मलिक को दी गई मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ा दी, जिसमें उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि मलिक किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और पिछले साल 11 अगस्त को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद से उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। ईडी ने कथित तौर पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मामले में मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। मलिक ने यह दावा करते हुए उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी कि वह कई अन्य बीमारियों के अलावा क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित हैं। उन्होंने योग्यता के आधार पर जमानत की भी मांग की। उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह दो सप्ताह के बाद योग्यता के आधार पर जमानत की मांग करने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई करेगा।

 

मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा एक नामित वैश्विक आतंकवादी और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है।