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मोदी सरकार भी मुसलमानों को खुश करने में लगी, अल्पसंख्यक लड़कियों को शादी के वक्त 51 हजार रुपये और हिंदू बेटियों को शादी में कुछ भी नहीं

नई दिल्ली।  क्या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी मुसलमानों को खुश करने के फेर में पड़ चुकी है? ये सवाल उठ रहा है उसकी एक स्कीम के कारण जिसके तहत अल्पसंख्यक लड़कियों को शादी के वक्त 51 हजार रुपये दिए जाएंगे। ये स्कीम उन लड़कियों के लिए होगी, जो अल्पसंख्यक मंत्रालय की एजुकेशन स्कॉलरशिप लेती हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने इस स्कीम को लाने का एलान जोर-शोर से किया है। तेलंगाना सरकार अपने यहां पर ‘शादी मुबारक’ नाम से ऐसी ही एक योजना चलाती है जिसमें स्कॉलरशिप लेकर ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने वाली लड़कियों को 51 हजार रुपये की खैरात दी जाती है। इसी की नकल में नकवी का मंत्रालय ‘शादी शगुन’ योजना शुरू करने की तैयारी में है। सवाल ये कि क्या गरीब हिंदू लड़कियों के लिए भी ऐसी कोई स्कीम है? एक सवाल ये भी है कि क्या नकवी की इस स्कीम के बारे में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पता है?

पीएम मोदी खुद धर्म के आधार पर ऐसी सरकारी खैरात का विरोध करते रहे हैं। लेकिन खुद उन्हीं की सरकार का मंत्री ऐसी स्कीम लाने जा रहा है जो सीधे तौर पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का मामला है। पिछले दिनों हैदराबाद के दौरे पर गए मुख्तार अब्बास नकवी ने मीडिया से बातचीत में यहां तक कह डाला कि देश में मुसलमान लड़कियों को पढ़ाई और शादी में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है और उन्हें इस स्कीम से मदद मिलेगी। मुस्लिम लड़कियों को वजीफा देकर पढ़ाने की स्कीम तो पहले से ही चल रही थी ऊपर से करदाताओं की जेब से 51 हजार रुपये का शगुन बांटने का क्या मतलब है? कहीं ऐसा तो नहीं कि ऐसी स्कीमों के जरिए नकवी को खुद को मुसलमानों में लोकप्रिय बनाने का चस्का लग गया है?

लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान खुद पीएम मोदी खुलकर ऐसी भेदभाव वाली स्कीमों के खिलाफ बोलते रहे हैं। यूपी चुनाव में उन्होंने लड़कियों को शादी के लिए दी जाने वाली सरकारी खैरात का विरोध भी किया था। इसके अलावा उन्होंने कब्रिस्तान और श्मशान जैसे मुद्दे भी उठाए थे। यूपी में सत्ता में आने के बाद योगी सरकार को सफाई देनी पड़ गई थी कि वो सरकारी योजनाओं में 20 फीसदी मुस्लिम कोटे को खत्म नहीं करेगी। केंद्र सरकार अब तक अल्पसंख्यक कल्याण के तहत उन्हें पढ़ाने और उनकी कोचिंग जैसे मदों में ही खर्च कर रही थी। लेकिन अब शादी के लिए 51 हजार रुपये की खैरात बांटने की ये स्कीम किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। क्योंकि मुसलमानों को खुश करने के चक्कर में मोदी सरकार हिंदुओं से दूर हो जाएगी। यह तय है कि मुसलमान उसे पहले भी वोट नहीं देते थे और आगे भी नहीं देने वाले।