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मुंबई ने फाइनल के पांचवें और अंतिम दिन विदर्भ को 169 रन से हराकर 42वीं बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया

मुंबई ने गुरुवार को फाइनल के पांचवें और अंतिम दिन विदर्भ को 169 रन से हराकर 42वीं बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। मुंबई ने आठ साल का इतंजार खत्म करते हुए खिताब जीता। मुंबई क्रिकेट संघ ने बड़ा ऐलान करते हुए रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली टीम की पुरस्कार राशि दोगुनी कर दी है, जिसका मतलब है कि टीम को पांच करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मिलेगी।

मुंबई क्रिकेट संग के सचिव अंजिक्य नाइक ने बयान में कहा कि, एमसीए के अध्यक्ष अमोल काले और टॉप परिषद ने रणजी ट्रॉफी की पुरस्कार राशि दोगुनी करने का फैसला किया है। एमसीए रणजी ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई की टीम को पांच करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि देगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि, एमसीए के लिए ये साल शानदार रहा है और उसने सात खिताब अपने नाम किए हैं। इसके अलावा हमारी टीम बीसीसीआई के आयु वर्ग की सभी प्रतियोगिताओं के  नॉकआउट चरण में पहुंची।

टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी। वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था। लेकिन विदर्भ ने हार नहीं मानी। कप्तान अक्षय वाडकर के 102 रन और हर्ष दुबे के 65 रनों के कारण मुंबई को जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी।

वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया। वहीं दुबे ने प्रथम श्रेणी कैरियर में दूसरा अर्धशतक जमाया। दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदार निभाई। विदर्भ की टीम दूसरी पारी में 368 रन पर आउट हो गए।