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महंगी कार खरीदते हैं तो चार्ज देने के लिए तैयार रहें: SC

sc 2दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर इलाके में डीजल-पेट्रोल से चलने वाली कैब्स को सीएनजी में कन्वर्ट करने की तारीख 30 अप्रैल तय कर दी है। कोर्ट ने इससे पहले 31 मार्च की तारीख तय की थी। कोर्ट ने 2000 सीसी और उससे ज्यादा पावर की डीजल इंजन वाली गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक को कायम रखा है। कोर्ट ने संकेत दिए कि रोक हटाई जा सकती है, पर इसके एवज में इन्वाइरनमेंट कॉम्पेंसेशन चार्ज देना होगा। कोर्ट ने कहा कि जो लोग डीजल कारें खरीदते हैं, उन्हें चार्ज देने के लिए तैयार रहना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि चार्ज गाड़ी की कीमत का 10 पर्सेंट हो सकता है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने तल्ख लहजे में कहा कि महंगी कार खरीदने के लिए क्या डॉक्टर ने सलाह दी है? क्या इससे बीपी कम होगा?
कोर्ट में कैब मालिकों की दलील थी कि पेट्रोल से सीएनजी में बदलना आसान है, लेकिन डीजल गाड़ियों में मुश्किलें आती हैं। कोर्ट ने कहा कि हम पहले ही डीजल से चलने वाली बसों को सीएनजी में बदलवा चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर में ट्रकों के रजिस्ट्रेशन के लिए कोर्ट ने मना करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होगा तो आसमान नहीं फट पड़ेगा।

इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में इन कंपनियों की ओर से दलील दी गई कि सरकार ने भी 1500 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली गाड़ी पर 4 फीसदी सेस लगा दिया है और अब अगर इन्वाइरनमेंट कॉम्पेंसेशन चार्ज लगेगा तो कंपनियों पर बोझ पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 45 लाख की कार 50 लाख में अगर बिकती है तो क्या फर्क पड़ेगा? इस तरह की कार खरीदने वाले खरीद सकते हैं। सरकार ने जो लग्जरी कारों पर लगाया है वो एक्सर्साइज़ डयूटी है न कि इन्वाइरनमेंट टैक्स। लोग ये जानते हुए भी कि डीजल गाड़ी से ज्यादा प्रदूषण होगा, उसे खरीद रहे हैं तो उन्हें प्रदूषण कर तो देना ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनके पास काफी पैसा है वे दिखावे के लिए महंगी कारें खरीदते हैं। लेकिन पल्यूशन की कीमत आम लोग क्यों चुकाएं?