कराची। पाकिस्तान को हॉकी विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले हॉकी गोलकीपर मंसूर अहमद का लंबे समय तक दिल की बीमारी से जूझने के बाद शनिवार को निधन हो गया. ओलंपिक में हॉकी के लिए पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले 49 साल के अहमद पिछले काफी समय से दिल में लगे पेसमेकर और स्टेंट से परेशान थे. उन्होंने हृदय प्रत्यारोपण के लिए भारत से भी संपर्क किया था और भारत के एक अस्पताल ने उनके मुफ्त इलाज की पेशकश भी की थी.
पाकिस्तान के लिए 388 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले इस महान खिलाड़ी को 1994 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिये याद किया जाएगा. मंसूर भारतीय हॉकी टीम के स्टार रहे धनराज पिल्लई और प्रगट सिंह के साथ हॉकी खेले हैं.
My tribute to Hockey Hero Mansoor… pic.twitter.com/TFya5RKJyG
— Shahid Hashmi (@hashmi_shahid) May 12, 2018
पिछले महीने ही एक वीडयो संदेश जारी कर मंसूर ने भारतीय सरकार और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की थी कि उन्हें मेडिकल वीजा दिया जाए. उसी समय से ही उनके दिल में लगा पेसमेकर और स्टेंट्स ने काम करना बंद कर दिया था. उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत थी और यह सिर्फ भारत में ही संभव हो सकता था. तब उनकी गंभीर हालत को देखते हुए कराची में डॉक्टरों ने उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी. उन्हें यह भी सलाह दी गई थी कि यह सर्जरी केवल भारत में ही संभव हो सकती है.
सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर की थी अपील
अहमद ने अपना एक वीडियो रिलीज किया था. इसमें भारत सरकार से कहा था कि, ”मैंने भारत के खिलाफ कई टूर्नामेंट जीते हैं और बहुत से भारतीयों का दिल तोड़ा है. इंदिरा गांधी कप, एशिया कप, वर्ल्ड कप और एशियन गेम्स. कुछ उदाहरण हैं जिनमें मैं भारत के खिलाफ खेला, लेकिन आज मुझे भारतीय सरकार और खासतौर पर सुषमा स्वराज की मदद की जरुरत है. मैं उनसे अपनी वीजा एप्लिकेशन को प्रोसेस करने का अनुरोध करता हूं. मैं पूर्व भारतीय खिलाड़ी धनराज से मिलना चाहता हूं. धनराज जब पाकिस्तान लीग में खेलने आए तो वह मेरी कोचिंग में ही खेले थे.”
Pakistan hockey hero seeks help from India on heart transplant to save his life pic.twitter.com/3qL0hWA7CK
— Shahid Hashmi (@hashmi_shahid) April 23, 2018
इसके बाद पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भी उनसे मिलने गए थे और उन्होंने अपनी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी.
I visited Olympian & our Hockey legend, Mansoor Khan & assured of my full support for our national hero. I am so happy that he is getting better day by day and wish for his complete & speedy recovery. @SAFoundationN will fully take care our sporting legend. #SAFcares #HopeNotOutpic.twitter.com/008KuUwi3v
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) April 14, 2018
मंसूर अहमद ने लगभग एक दशक तक पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 338 मैच खेले. सिडनी में, 1994 में उन्होंने वर्ल्ड कप जीता और 1992 में उनके हिस्से कांस्य पदक आया. अटलांटा ओलंपिक में वह पाकिस्तान के फ्लैग बीयर्रर थे. 1994 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन ने सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का खिताब दिया था. लेकिन 2008 के बाद से भारत पाकिस्तान के बीच केवल एक सीरीज खेली गई.
उन्होंने फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पेनाल्टी शूट में गोल का बचाव कर पाकिस्तान को विश्व विजेता बनाया था. इसी साल उन्होंने चैम्पियन्स ट्राफी के फाइनल में जर्मनी के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट का बचाव किया था जिससे पाकिस्तान इसका विजेता बना था.
दिल्ली के अस्पताल से मिली थी पेशकश
गौरतलब है कि मंसूर की मदद की अपील के एक दिन बाद ही दिल्ली के कालरा अस्पताल की तरफ से मदद की पेशकश की गई थी. अस्पताल की ओर से इस आशय का एक पत्र भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास को सौंपा गया था. इस पत्र में कहा गया था कि मंसूर को तत्काल चिकित्सा की जरूरत है और मंसूर मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मौजूदा राजनीतिक एवं समाजिक तनावों के बावजूद उन्हें भारत से सहायता मिलेगी. लेकिन इससे पहले कि उनको कुछ मदद मिल पाती, वे दुनिया छोड़कर चले गए.