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बसपा से निकले गए नसीमुद्दीन और उनके बेटे के लिए भाजपा ने अपने दरवाजे किये बंद

लखनऊ।  बहुजन समाज पार्टी में मायावती के सबसे वफादार और राज़दार रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा ही दिया। मायावती के शासन काल मे प्रदेश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य एवम मलाईदार विभाग नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पास ही रहते थे।

आवास विभाग में तैनात रहते हुए आईएएस अधिकारी हरमिंदर राज सिंह की आत्म हत्या काल मे भी आवास विभाग के मंत्री के रूप में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ही विभाग की बांगडोर संम्हाले हुए थे और उनका आवास ठीक  हरमिंदर राज सिंह के घर के सामने था।आईएएस हरमिंदर राज सिंह की आत्महत्या का राज,अभी भी राज है।

प्राप्त सूत्रों के अनुसार मायावती को विधान सभा की सीटों में मुस्लिमो को अधिक सीटे दिए जाने का प्रस्ताव नसीमुद्दीन द्वारा ही दिया गया था और नसीमुद्दीन की छवि ठीक न होने के कारण ही मुस्लिमो ने बसपा का साथ नही दिया जिससे  मायावती को जबरदस्त झटका खाना पड़ा।मायावती इस लायक भी नही रह पायी की पुनः राज्य सभा पहुँच सके।

यह भी माना जा रहा है कि एक ओर मायावती के दबाव में  आवास मंत्री के रूप में किये गए गलत कार्यो के कारण सतर्कता जांच का खामियाजा नसीमुद्दीन को झेलना पड़ रहा है वही दूसरी ओर मायावती की फरमाइशों को पूरा करने में अब नसीमुद्दीन उतने कारगर नही हो रहे है।

मायावती के सबसे बड़े राज़दार होने के नाते, उनके सभी राजो का पर्दा फ़ाश करने का मन बनाकर नसीमुद्दीन ने भारतीय जनता पार्टी का दामन पकड़ने को सोचा पर भारतीय जनता पार्टी ने बीएसपी से निकाले गए नसीमुद्दीन को भाजपा में लेने की सभी संभावनाओं से साफ इंकार कर दिया है।

कुछ दिन पूर्व इंडिया संवाद ने लखनऊ कैंट स्थित नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आवास में अनाधिकृत रूप से बांये गये निर्माण कार्यो को ध्वस्त करने का समाचार दिया था।यह भवन नसीमुद्दीन की पत्नी के नाम है परंतु अभिलेखों में उनका नाम दर्ज नही है।

बहजन समाज पार्टी की यह खूबी है कि जो भी मायावती के बहुत निकट आता है उसे उतनी ही जोर का झटका लगता है। पहले दलित फिर मुस्लिम अब उसके बाद तो किसी सवर्ण का ही नंबर आना स्वाभाविक है।