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बजट की कमी से चीन से मुकाबले में पिछड़ रही सेना

Army7नई दिल्ली। भारतीय सेना बजट की कमी के चलते चीन से मुकाबले को संघर्ष कर रही है। सेना को कम बजट की वजह से अपने नए माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के मिशन को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा है।

यूपीए-2 सरकार के समय जुलाई 2013 में 90,274 अतिरिक्त सैनिकों वाले माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स (17 कॉर्प्स) को मंजूरी मिली थी। 2020-21 तक 8 सालों में इसके लिए 64,678 करोड़ रुपये का खर्च आना था। फिलहाल इसके लिए फंडिंग जारी नहीं हुई है और डिफेंस पीएसयू और हथियारों की फैक्ट्रियों से प्रॉडक्शन भी शुरू नहीं हो सका है।

सेना का मानना है कि कई क्षेत्रों में तकनीकी तौर पर पिछड़ने के बाद सैनिकों की तैनाती का कोई विकल्प नहीं है। सेना को पाकिस्तान और चीन से लगी दो लंबी सीमाओं की रक्षा के अलावा कश्मीर और पूर्वोत्तर में ऑपरेशंस में भी तैनात रहना होता है।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है, ‘चीन 2017 तक अपनी 23 लाख संख्या वाली बड़ी सेना में 3 लाख सैनिकों तक की कटौती करने जा रहा है। ऐसा उसने बड़े तकनीकी सुधारों के 30 सालों बाद किया है। हम इसके आस-पास भी नहीं हैं।’ हालांकि, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सेना को अपने नॉन-ऑपरेशनल मैनपावर को कम करने की जरूरत है, क्योंकि पहले ही वेतन और पेंशन में काफी खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा था, ‘मैनपावर की जगह तकनीकी ले सकती है, लेकिन इसमें समय लगेगा। यह एक दिन में हो जाने वाला काम नहीं है।’