विश्व कप के 80 वर्षों के इतिहास में जो नहीं हुआ वह रूस में घट गया। चार बार का विश्व विजेता, चार बार का उप विजेता और गत विजेता जर्मनी विश्व कप से पहले ही दौर में बाहर हो गया है। कोरिया के हाथों मिली 0-2 से अपमानजनक हार के बाद जर्मनी की विश्व कप में बने रहने की उम्मीदें कजान में खाक हो गईं। कोच जोएकिम लो की टीम पर दबाव सही मायनों में बुरी तरह हावी हो गया, वरना जो गोल उनके फुटबॉलर आंख बंद कर करने की कूवत रखते हैं वह खुली आंखों से भी नहीं कर पाए।
लो के पांच परिवर्तन का दांव पड़ा उल्टा
एक बार फिर जर्मनी को रूस से हार कर जाना पड़ रहा है। हिटलर की जर्मनी को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहीं पराजय मिली थी। एक बार फिर जर्मनी यहां विश्व विजेता बनकर आया था, लेकिन उसे पहले ही दौर में बाहर होना पड़ा। जर्मनी ने स्वीडन को भले ही दूसरे मैच में 2-1 से परास्त कर दिया हो, लेकिन दूसरे दौर में पहुंचने को लेकर ग्रुप में बनी स्थितियों ने गत विजेता को दबाव और उलझनों में डाले रखा।
यही कारण था कि कोरिया के खिलाफ कोच लो ने एक या दो नहीं बल्कि पांच परिवर्तन कर डाले। जिन खेदीरा, ओजिल, गोरेत्जका, मैट हमल्स जैसे दिग्गज परिवर्तन के तौर पर उतरे तो लेकिन मैदान पर गोल करने के दबाव में बुरी तरह टूट गए। कोरिया भले ही दो गोल से जीता हो, लेकिन पूरे मैच में दबदबा जर्मनी का रहा। उनका गेंद पर कब्जा 69 प्रतिशत रहा, और गोल पर प्रयास 26 बार किया, लेकिन गोल नसीब नहीं हुआ। जब गोल के लिए जर्मनी इंजरी टाइम में ऑलआउट चला गया तब कोरिया ने एक के बाद एक दो गोल कर दिए।
जो ह्यून वू ने की चमत्कारिक गोलकीपिंग
कोरिया गोलकीपर जो ह्यून वू ने पूरे मुकाबले के दौरान चार से पांच ऐसे बचाव किए जिन पर निश्चित रूप से गोल होना चाहिए था। यही कारण था कि उन्हें अंत में मैन ऑफ द मैच चुना गया। पहला मैच खेल रहे गोरेट्जा का हेडर उन्होंने जिस तरह से बचाया उसे विश्व कप का बचाव कहा जा सकता है। ऐसा ही बचाव उन्होंने दूसरे हॉफ में भी किया। कोरिया ने भी चार परिवर्तन किए थे, लेकिन उन्होंने जबरदस्त रक्षण किया।
पहले ऑफ साइड पर वार ने दिया गोल
इंजरी टाइम का तीसरा मिनट था, कोरिया को कॉर्नर मिला था। वाईजी किम को गोल के ठीक सामने बॉल मिली जिसे उन्होंने गोल में डाल दिया। लेकिन रेफरी ने इसे ऑफ साइड करार दिया। वार की सहायता ली गई जिसमें रेफरी के फैसले को वापस लेते हुए गोल करार दिया गया। इसके साथ ही जर्मनी की वापसी की सारी संभावनाएं समाप्त हो गईं। एक गोल से पिछडऩे के बाद गोलकीपर न्यूर भी आगे निकल गए। सोन ह्यूंग मिन ने उनसे बॉल छीनकर खाली पड़े गोल में डाल दी।
-यह आधिरिकारिक तौर पर कोरिया की जर्मनी की पहली जीत है
-विश्व कप के पिछले दो मुकाबलों में कोरिया के खिलाफ जर्मनी ने हासिल की थी जीत
-1938 में अंतिम बार जर्मनी पहले दौर में विश्व कप से बाहर हुआ था
-छठा मौका है जब विश्व विजेता टीम को पहले ही दौर में बाहर होना पड़ा
-2010 में गत विजेता इटली, 2014 में स्पेन और अब जर्मनी पहले दौर में बाहर हुए हैं
कोरिया जर्मनी
2 गोल 0
31 प्रतिशत गेंद पर कब्जा 69 प्रतिशत
11 गोल पर प्रयास 26
5 लक्ष्य पर निशाना 6
5 भटके निशाने 11
4 पीला कार्ड 0
3 कॉर्नर 9
मैन ऑफ द मैच-जो हयूनवू गोलकीपर कोरिया