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नीतीश कुमार ने ‘घर वापसी’ की अटकलों को फिर किया खारिज

03nitishnewनई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए में ‘घर वापसी’ की अटकलों को एक बार फिर खारिज किया है। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में नीतीश ने कहा कि नोटबंदी के समर्थन को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता, बिहार में महागठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। इसके अलावा नीतीश ने यह भी कहा कि बिहार में कानून के राज से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

अब बेनामी संपत्तियों पर हो कार्रवाई
नीतीश ने कहा कि नोटबंदी को अलग-अलग नजरिए से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को लंबी कतारों से समस्या है। वहीं कई लोग ऐसे हैं जो यह सोचकर खुश हैं कि अमीर और भ्रष्ट लोगों को पैसा गंवाना पड़ रहा है। अगर यह वाकई कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक है, तो इसे एक शुरुआत माना जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि सरकार को अब बेनामी संपत्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। नीतीश ने कहा, ‘सिर्फ पुराने नोटों को खत्म कर देने से कालाधन नहीं आएगा। हमें बेनामी संपत्ति पर भी कार्रवाई करनी होगी। मैंने नोटबंदी को समर्थन दिया क्योंकि मुझे लगता है कि यह एक अच्छा कदम है।’

जहां करप्शन पर ऐक्शन, हमारा समर्थन
बीजेपी से फिर हाथ मिलाने की अटकलों पर नीतीश ने कहा, ‘किसी चीज को सहज और सामान्य ढंग से देखने की आदत अब बची नहीं। सब लोग सोचते हैं कि इस तरह से छापेंगे तो लोग पढ़ेंगे। मुझे सफाई देने की जरूरत नहीं है। हम समर्थन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि बिहार पहला ऐसा राज्य है जिसने भ्रष्ट नौकरशाहों की संपत्ति को जब्त करने का कानून बनाया। जहां से भी लगेगा कि भ्रष्टाचार पर कोई हमला हो रहा है, तो बिना बाएं-दाएं देखे हम सपॉर्ट कर देंगे।’

प्रधानमंत्री का पद मजाक नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे, नीतीश ने कहा कि पीएम का पद मजाक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह देश का सबसे महत्वपूर्ण पद है इसलिए इसके बारे में इस तरह की हल्की टिप्पणी करना सही नहीं है।’ वहीं यूपी में मुलायम की महागठबंधन बनाने की अपील पर नीतीश ने कहा कि फिलहाल महागठबंधन सिर्फ बिहार में है। उन्होंने कहा, ‘दूसरे राज्यों में भी गठबंधन हो सकता है। बिहार में हम 20 साल तक एक दूसरे के खिलाफ लड़े, पर परिस्थितियों ऐसी बनीं कि किसी से लड़ने के लिए हम फिर एक साथ आए।’ साथ ही नीतीश ने यह भी कहा कि मिशन 2019 को लेकर गैर-बीजेपी दलों की ओर से गंभीर प्रयास नजर नहीं आते।

कानून के राज से कोई समझौता नहीं
नीतीश ने कहा कि बिहार में कानून का राज है और उससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नीतीश ने कहा, ‘एक ऐसा इंसान जिसकी महागठबंधन में कोई भूमिका नहीं रही, उसकी क्या अहमियत है? शहाबुद्दीन जैसों की वजह से मेरी सरकार पर क्या फर्क पड़ा?’ नीतीश ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ मतभेदों की बात को खारिज कर दिया।