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धनंजय सिंह ने कहा, इस बार का चुनाव दिलचस्प होगा

जौनपुर। बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को लेकर कयासों के दौर चल रहे हैं। धनंजय सिंह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, इसे लेकर मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई है। विरोधियों ने जहां चुनाव प्रचार तेज कर दिया है वहीं धनंजय सिंह ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लिहाजा उनके समर्थक भी बेचैन हैं। धनंजय सिंह फिलहाल लखनऊ में डटे हुए हैं। धनंजय अपने कोर ग्रुप के साथ प्लानिंग में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि वो पश्चिम की एक बड़ी राजनीति पार्टी से संपर्क में है। इस पार्टी के बड़े नेताओं से उनकी दो राउंड बातचीत भी हो चुकी है। उनका टिकट भी लगभग फाइनल हो गया है। अगले 24 से 48 घंटे में धनंजय सिंह खुद इसका ऐलान करेंगे।

चुनावी रणनीति का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक पार्टी का सवाल है तो बस थोड़ा इंतजार करिए। पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। इतना तय है कि मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव दिलचस्प होगा। सपा की विफलताओं के साथ ही बीजेपी के छूठे वादों से लोगों का मोहभंग हो चुका है। जनता इस बार उनके साथ है। प्रचार के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि इस बार उनका फोकस पूरी तरह से सोशल मीडिया पर रहेगा। सोशल मीडिया लोगों से जुड़ने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।

जौनपुर की सियासत में पिछले एक दशक से धनंजय सिंह की मजबूत पकड़ है। सियासी विरोधी भी उन्हें बड़ा राजनीतिक खिलाड़ी मानते हैं। मीडिया में बाहुबली की छवि होने के बावजूद उन्होंने हमेशा ही अपने क्षेत्र की जनता का दिल जीता। हर बार उन्होंने अपने विरोधियों को चुनावी मैदान में धूल चटाई। धनंजय सिंह पहली बार 2002 में रारी से विधायक चुने गए। 2007 विधानसभा चुनाव में वे रारी सीट से ही दूसरी बार विधायक चुने गये। साल 2009 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

हालांकि 2012 विधानसभा चुनाव से पहले उनकी बीएसपी सुप्रीमो मायावती से खटपट हो गई। इस बार धनंजय की जगह उनकी पत्नी जागृति सिंह ने चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव फिर ताल ठोकी लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई।इस बीच नौकरानी की हत्या मामले में उन्हें पत्नी के साथ जेल भी जाना पड़ा।