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दिसंबर के अंत तक भारत का विदेशी कर्ज 480 अरब डॉलर पर

DBSनई दिल्ली। देश का कुल विदेशी कर्ज दिसंबर अंत तक पिछले साल मार्च अंत की तुलना में मामूली बढ़कर 480.2 अरब डॉलर (करीब 317 खरब रुपये) पर पहुंच गया। मार्च अंत की तुलना में दिसंबर अंत तक कुल विदेशी कर्ज में 4.9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई। सरकार का सॉवरन फॉरन डेट दिसंबर अंत तक 90.7 अरब डॉलर पर था जबकि गैर सरकारी ऋण 389.5 अरब डॉलर पर था। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का विदेशी कर्ज प्रबंधन योग्य सीमा में है। विदेशी ऋण संकेतकों से यह संकेत मिलता है।

बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर फरवरी में 5.7 प्रतिशत रही
बुनियादी उद्योग क्षेत्र के आठ उद्योगों की वृद्धि दर फरवरी में 5.7 प्रतिशत रही जो 15 माह का उच्च स्तर है। प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, सीमेंट तथा बिजली उत्पादन में तीव्र वृद्धि से इस क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरा है। इन आठ उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली उत्पादन क्षेत्र की इकाइयां शामिल की जाती है। इनकी वृद्धि दर पिछले वर्ष फरवरी में 2.3 प्रतिशत थी।

देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में बुनियादी उद्योगों का योगदान करीब 38 प्रतिशत है। नवंबर 2014 के बाद क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि है। उस समय इन क्षेत्रों में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सालाना आधार पर फरवरी में कच्चे तेल का उत्पादन 0.8 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस की वृद्धि 1.2 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पाद 8.1 प्रतिशत, उर्वरक 16.3 प्रतिशत, सीमेंट 13.5 प्रतिशत तथा बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही।

हालांकि, कोयला उत्पादन में कमी आई और यह इस का उत्पादन आलोच्य महीने में एक साल पहले की तुलना में 3.9 प्रतिशत कम रहा। फरवरी 2015 में कोयला उत्पादन 10.8 प्रतिशत बढ़ा था। इस दौरान इस्पात उत्पादन में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई। कुल मिलाकर बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर 2015-16 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 2.3 प्रतिशत रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 5.0 प्रतिशत से कम है।

राजकोषीय घाटा फरवरी में लक्ष्य से ऊपर निकला
सरकार का राजकोषीय घाटा फरवरी अंत तक लक्ष्य से उपर निकल गया है लेकिन 2015-16 का अंतिम आंकड़ा मार्च का आंकड़ा जारी होने के बाद ही पता चलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 29 फरवरी को 2015-16 का बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार 2015-16 के लिए निर्धारित 3.9 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहेगी।

हालांकि, महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-फरवरी 2015-16 के लिये राजकोषीय घाटा बजटीय अनुमान 5.35 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 5.72 लाख करोड़ रुपये या 107.1 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा फरवरी में बजट अनुमान का 117.5 प्रतिशत था। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-फरवरी में योजना व्यय 3.97 लाख करोड़ रुपये जबकि गैर-योजना व्यय 11.58 लाख करोड़ रुपये रहा। राजस्व घाटा 3.9 लाख करोड रुपये या 114.4 प्रतिशत रहा।