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तीन साल, 57 देश, तीन लाख किमी की यात्रा में मोदी ने ‘लुटाए’ 275 करोड़

नई दिल्ली। तीन साल। 57 देश। तीन लाख किमी का सफर। और खर्च 275 करोड़। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी के विदेशी दौरे का यह सरकारी हिसाब-किताब है। लगातार विदेशी दौरों से मोदी भारत को दुनिया के अन्य देशों के करीब लाने में सफल जरूर हुए हैं, मगर उस हिसाब से विदेशी निवेश देश में नहीं आया है, जितना अपेक्षित रहा। मोदी का मानना है कि दौरों से ही देशों से संबंध मजबूत होंगे। जिसका आज भले तात्कालिक लाभ न मिले, मगर भविष्य में दूरगामी लाभ मिलेगा।

प्लेन में ही खर्राटे लेते हैं मोदी मोदी यदि एक से अधिक दो देश में जाते हैं तो होटल में रुकने की जगह प्लेन में ही रात बिताना ज्यादा पसंद करते हैं। ताकि समय बच सके। उड़ान के वक्त प्लेन में सोने से सुबह उनकी नींद उसी देश में खुलती है जहां उनका अगला कार्यक्रम होता है। अगर वह रात में होटल में रुक रहे होते तो वह सुबह जगने के बाद ही नई जगह पर पहुंच पाते। पिछले साल 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच बेल्जियम, अमेरिका और सऊदी अरब की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने तीन रातें एयर इंडिया वन में ही बिताईं जब वह दिल्ली से ब्रसल्स, ब्रसल्स से वॉशिंगटन डीसी और वॉशिंगटन डीसी से रियाद का सफर कर रहे थे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट के मुताबिक, उन्होंने बतौर पीएम 45 देशों में 119 दिन बिताए हैं। यह अवधि उनके अब तक के कार्यकाल का करीब 10 प्रतिशत है। मई 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से मोदी आधिकारिक विदेश यात्रा के रूप में कथित रूप से 3.4 लाख किलोमीटर का दौरा कर चुके हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएमओ की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी के हवाई सफर पर 275 करोड़ रुपये खर्च हुए। इनमें पांच यात्राओं पर खर्च के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। 9 से 17 अप्रैल 2015 के दौरान फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर सबसे ज्यादा 31.2 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस लिहाज से दूसरे नंबर पर 11 से 20 नवंबर 2014 के दौरान म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फीजी की यात्रा है जिसकी लागत 22.58 करोड़ रुपये आई। पीएम मोदी की तीसरी महंगी विदेश यात्रा 13 से 17 जुलाई 2014 के दौरान ब्राजील की थी जिस पर 20.35 करोड़ रुपए का खर्च आया।

मोदी कौन-कौन से देश बार-बार जाते हैं, इससे आपको उनकी विदेशी नीति की दिशा का अंदाजा लग सकता है। उन्होंने नौ देशों की बार-बार यात्रा की है। वह चार बार अमेरिका गए हैं जबकि चीन, फ्रांस, अफगानिस्तान, जापान, नेपाल, रूस, सिंगापुर, श्री लंका और उज्बेकिस्तान का दो-दो बार दौरा कर चुके हैं।