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जवान पर BSF सख्त, ड्यूटी पर मोबाइल फोन रखने की होगी जांच

नई दिल्ली। खराब खाना दिए जाने और अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले एक जवान का विडियो वायरल होने के बाद बीएसएफ ने सफाई दी है। बीएसएफ ने आश्वासन दिया है कि जवान के आरोपों की पूरी जांच की जाएगी। हालांकि, यह भी कहा कि आरोप लगाने वाला जवान अनुशासनहीनता के मामले में दोषी रहा है। 2010 में उसका कोर्ट मार्शल होना था, लेकिन उसके परिवार को ध्यान में रखते हुए नरमी बरती गई और ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।

बीएसएफ आईजी डीके उपाध्याय ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है और पूरे मामले की जांच करने के बाद उसके मुताबिक ही कदम उठाए जाएंगे। उपाध्याय ने कहा, ‘मैं सहमत हूं कि शायद खाने का स्वाद बहुत अच्छा न हो, लेकिन जवानों से इस बारे में कभी कोई शिकायत नहीं मिली।’ उपाध्याय के मुताबिक, जाड़ों की वजह से कई बार खाने का स्वाद अच्छा नहीं होता, लेकिन जवान शिकायत नहीं करते। जवान तेज बहादुर यादव के आरोपों पर उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अगर कोई कमी पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उपाध्याय ने बताया कि तेज बहादुर के आरोपों से पहले भी डीआईजी स्तर के अफसरों ने कैंप का कई बार दौरा किया है। हालांकि, ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली, जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं। तेज बहादुर का जिक्र करते हुए उपाध्याय ने कहा, ‘वह अनुशासनहीनता के मामलों में शामिल रहा है। उसका 2010 में कोर्ट मार्शल किया जाना था। उसके परिवार को ध्यान में रखते हुए उसे बर्खास्त नहीं किया गया।’ आईजी के मुताबिक, इस बात की जांच की जाएगी कि तेज बहादुर ने ड्यूटी के वक्त मोबाइल फोन कैसे रखा था, जो गाइडलाइंस के खिलाफ है।

जवान ने आरोप लगाया था कि विडियो सार्वजनिक किए जाने के बाद उसे कैंप से हटाकर हेडक्वॉर्टर भेज दिया गया है। आईजी ने बताया कि हेडक्वॉर्टर भेजने की वजह यही है कि कोई भी उस पर दबाव न बना सके और साफ सुथरी जांच की जा सके।

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