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जम्मू कश्मीरः अलगावादियों पर कसी नकेल, यासीन मलिक हिरासत में, मीरवाइज नजरबंद

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के साथ ही अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है. जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया जबकि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया है. यह कदम उन्हें अलगाववादी विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने से रोकने के लिए उठाया गया है. बता दें कि जम्मू – कश्मीर में पीडीपी की अगुवाई वाली सरकार से बीजेपी के समर्थन वापसी के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने की मंजूरी दे दी है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मलिक को गुरुवार सुबह उनके मैसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया. उन्हें कोठीबाग स्थित पुलिस थाने में रखा गया है. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी नजरबंद हैं. आम नागरिकों की कथित तौर पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मौत और वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के विरोध में , अलगाववादियों ने जॉइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के बैनर तले गुरुवार को हड़ताल करने की मंगलवार को घोषणा की थी.

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने सुरक्षा उपायों की समीक्षा की और सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक एवं उग्रवाद विरोधी अभियानों के विशेषज्ञ माने जाने वाले विजय कुमार को अपना एक सलाहकार नियुक्त किया है.श्रीनगर में राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया , ‘‘ भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद राज्यपाल एन एन वोहरा ने आज जम्मू – कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने का आदेश जारी किया. ’’ राज्यपाल ने अगली घोषणा द्वारा राज्यपाल शासन हटाए जाने या इसमें परिवर्तन करने तक विधानसभा को निलंबित अवस्था में रख दिया. उद्घोषणा में कहा गया कि राज्य की विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी. मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च 2021 में पूरा होगा.