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चीन आतंकवाद ‘रोकने’ के लिए पाकिस्तान भेजेगा अधिकारी

पेइचिंग। अमेरिका, अफगानिस्तान और भारत की तरफ से पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच शुक्रवार को चीन का बयान आया कि वह आतंकवाद निरोधी वार्ता के लिए अपना एक उच्च अधिकारी पाकिस्तान भेज रहा है। इस मौके पर चीन ने जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद की पाकिस्तान में नजरबंदी के पीछे अपने हाथ होने की खबरों को भी गोलमोल जवाब देते हुए दरकिनार कर दिया।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बताया कि उप विदेश मंत्री चेंग ग्वोपिंग आतंकवाद रोधी वार्ता के लिए पाकिस्तान रवाना होंगे। लू ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। सवाल था कि क्या इस वार्ता में आतंकवाद पर भारत और अफगानिस्तान की चिंता के साथ-साथ पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुटों पर भी चर्चा की जाएगी।

हालांकि, लू ने विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चेंग 6 से 9 फरवरी तक इस्लामाबाद की यात्रा पर रहेंगे। साथ ही लू ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद की नजरबंदी के पीछे चीन का हाथ होने की खबरों पर गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि लंबे समय से पाकिस्तान ने आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं। आतंक पर लगाम लगाने की पाकिस्तान की स्वतंत्र नीतियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके सहयोग का चीन समर्थन करता है। यह कहते हुए लू ने इस तरफ इशारा कर दिया कि सईद की नजरबंदी पाकिस्तान का अपना निर्णय है, उसमें चीन की कोई भूमिका नहीं है।

यूं तो सईद की नजरबंदी को सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की आतंकवाद निरोधी नीतियों से बचने के पाकिस्तान के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान के इस कदम के पीछे चीन के दबाव ने भी काम किया है।