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खुलासा: बस में घुसकर या​त्रियों को ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहते थे आतंकी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हमले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल ​मु​जाहिदीन के आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया है. हमले से पहले यात्रा की रेकी भी की गई थी.

सूत्रों का कहना है कि इस हमले में दो से तीन आतंकवादी शामिल थे. हमला करने वाले सभी आतंकवादी लश्कर के थे लेकिन उन्हें स्थानीय मदद हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने दी थी. आतंकवादी बस के अंदर घुसना चाहते थे ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को नुकसान पहुंचा सकें.

सूत्रों का ये भी कहना है कि आतंकवादियों ने दो से तीन दिन इस पूरे इलाके की रेकी की थी, आतंकवादी ये जानना चाहते थे कि आखिर कौन सा वाहन बिना सुरक्षा घेरे के निकलता है. बताया गया है कि श्रद्धालुओँ को लेकर कुछ बसें बिना सुरक्षा घेरे के निकल रही थीं.

आतंकी हमले को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि आतंकियों के निशाने पर बस नहीं थी वो क्रॉस फायरिंग की चपेट में आ गई लेकिन हकीकत ये है कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका पहले से ही थी.

जम्मू-कश्मीर के आईजीपी की तरफ से पहले ही अलर्ट जारी किया गया था. न्यूज18 इंडिया के पास जारी किए गए इस खुफिया अलर्ट की कॉपी है जिसमें अनंतनाग के एसएसपी के हवाले से कहा गया है कि आतंकी 100 से 150 अमरनाथ यात्रियों को अपना निशाना बना सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस अलर्ट को 25 जून को ही सीआरपीएफ और सेना के अधिकारियों को भी भेजा था. बता दें कि सोमवार रात को हुए इस हमले में सात लोगों की जान चली गई है और 15 लोग हो गए हैं. हालांकि, घायलों को खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

13वां जत्था होगा रवाना
28 जून से यात्रियों के जत्थों की रवानगी शुरू हो गई थी अमरनाथ के लिए, सिर्फ 8 जुलाई को श्रद्धालु नहीं गए थे.

अब तक 12 जत्थे जा चुके हैं. तय शेड्यूल के मुताबिक बुधवार को 13वां जत्था सुबह रवाना होगा. यात्रा सुचारु रूप से चलाने के लिए जो जरूरी इंतजाम हैं वो सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं.