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कोल्लम में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ हुआ विरोध, पुलिस ने दर्ज किए दो मामले

केरल की कोल्लम लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार जी कृष्णकुमार जिले के एक शैक्षणिक संस्थान गए थे, लेकिन लोगों ने वहां उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस संबंध में दो मामले दर्ज किए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा दर्ज कराई गई दो शिकायतों के आधार पर मामले दर्ज किये गये हैं, जिनमें गैरकानूनी सभा, हथियारों के साथ दंगा करने और आरोपी व्यक्तियों द्वारा दोनों संगठनों के सदस्यों को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

सात के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, दंगा करने, हथियारों के साथ दंगा करने, गलत तरीके से रोकने, अश्लील शब्दों और गानों का इस्तेमाल और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध में मामला दर्ज किया है। कुंडरा पुलिस थाने में यह मामला दर्ज किया गया है। थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी व्यक्तियों को उनके बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। अभिनेता से राजनेता बने कृष्णकुमार ने बुधवार को अपने खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन की कड़ी निंदा की।

एसएफआई ने भाजपा के खिलाफ नारे लगाए
ने उस दौरान वह भाजपा और अभाविप के कार्यकर्ताओं के साथ यहां चंदनथोप में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के परिसर का दौरा करने के लिए गए थे। विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित दृश्यों में यह दिखाया जा रहा है कि जैसे ही कृष्णकुमार संस्थान के परिसर में पहुंचे, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद वामपंथी छात्रों और अभाविप कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। एसएफआई कार्यकर्ताओं के कृत्य की निंदा करते हुए कृष्णकुमार ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने जो किया वह ‘असली फासीवाद’ था।

मोदी के उम्मीदवार का कोई स्वागत नहीं
उन्होंने कहा कि जब उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार, वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के एम. मुकेश और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के एन.के. प्रेमचंद्रन ने परिसर का दौरा किया था तब कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ था। ‘‘लेकिन जब मैं वहां दौरे पर गया तो एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने नारे लगाते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी के उम्मीदवार का यहां कोई स्वागत नहीं’ ।” एसएफआई ने दावा किया कि उन्होंने कृष्णकुमार का विरोध नहीं किया बल्कि छात्र संघ के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए अभाविप द्वारा उन्हें बुलाए जाने का विरोध किया है।