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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता अधिनियम 2019 को कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा और मुसलमानों को अभी भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा और मुसलमानों को अभी भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। शाह ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे।

विपक्ष के कुछ सदस्यों और विदेशी मीडिया द्वारा की जा रही मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते। 1947 में धर्म के आधार पर विभाजन किया गया था। कांग्रेस नेता समय ने कहा था कि पलायन करने वाले लोग कभी भी वापस आ सकते हैं। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया। यहां तक ​​कि मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है…किसी के लिए दरवाजे बंद नहीं किए गए हैं। यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि लोग बिना किसी दस्तावेज के आए हैं।

केंद्र द्वारा कानून के नियमों को अधिसूचित करने के बाद भाजपा नेता ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के मुद्दे पर विपक्ष पर तीखा हमला बोला। तब से विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार पर चुनावों से ठीक पहले नियमों को अधिसूचित करने के समय को लेकर निशाना साध रहा है, जब 2019 में सीएए पारित किया गया था। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि सीएए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से जुड़ा है। विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि उनका इतिहास जो वादे करते हैं उन्हें पूरा नहीं करने का रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि उनका इतिहास है जो बोलते हैं वो करते नहीं हैं, मोदी जी का इतिहास है जो बीजेपी या पीएम मोदी ने कहा वो पत्थर की लकीर है। मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।