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उत्तर प्रदेश में ‘लतियाये और धकियाये गए’ नेताओं की चल पड़ी है!

up-atik-akhilesh-mukhtarनई दिल्ली/लखनऊ। मंच पर धक्का खाने वालों की इन दिनों समाजवादी पार्टी में चल पड़ी है. जिस माफिया डॉन अतीक अहमद को अखिलेश यादव ने किनारे कर दिया था, उसके लिए प्रचार करने को भी वे अब तैयार हो गए है.

बात छह महीने पुरानी है. सीएम अखिलेश यादव कौशाम्बी ज़िले में एक सरकारी कार्यक्रम में पहुंचे थे. मच पर बाहुबली नेता अतीक अहमद भी मौजूद थे. वे किसी तरह अखिलेश के बगल में खड़े होने की जुगाड़ में थे. दोनों के बीच में कुछ और भी नेता थे. अखिलेश ने अतीक के मन की बात समझ ली और फिर अपने सुरक्षा गार्डों से उन्हें दूर करवा दिया. अब चाचा शिवपाल यादव ने उन्ही अतीक अहमद को कानपुर कैंट से टिकट दे दिया है. जब अखिलेश से पूछा गया कि क्या ऐसे अपराधी छवि वाले नेताओं के लिए वोट मांगेंगे तो वे बोले “मुझे अगर प्रचार के लिए बुलाया गया तो मैं जाऊंगा”

बाहुबली नेता अतीक अहमद पर बीएसपी विधायक राजू पाल की ह्त्या का आरोप है. इसके अलावा भी उन पर ह्त्या, अपहरण और मारपीट के कई मुक़दमे है. लेकिन बदले हालात में अब अखिलेश यादव को अतीक को धक्का देने पर सफाई भी देनी पड़ रही है. जब अखिलेश से सवाल हुआ कि जिस नेता को आपने मंच पर धक्का देकर दूर कर दिया था, अब उनके लिए वोट कैसे मांगेंगे. इस पर उन्होंने कहा “ऐसा हुआ ही नहीं था और मेरा ऐसा स्वभाव ही नहीं है.” लेकिन तस्वीरें भला कहाँ झूठ बोलती है.

अतीक अहमद कई बार विधायक और फूलपुर से सांसद भी रह चुके है. इलाहाबाद और आस पास के इलाकों में आज भी उनका सिक्का चलता है. अब सवाल ये है कि मुख्तार अंसारी और उनकी पार्टी का विरोध करने वाले अखिलेश क्यों बदल गए है ? एक बार तो उन्होंने अंसारी बंधुओं की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय रद्द करवा दिया था. मंच पर जावेद आब्दी को शिवपाल यादव ने धक्का दिया तो भतीजे अखिलेश ने उन्हें गले लगा लिया. समाजवादी पार्टी के पच्चीस साल पूरे होने पर लखनऊ में मंच सजा था.

आब्दी ने माईक लेकर अखिलेश चालीसा पढ़नी शुरू कर दी. बस शिवपाल ने धक्का देकर हटा दिया. अब जावेद आब्दी को अखिलेश ने सिंचाई विभाग का सलाहकार बना दिया है. आज कल अखिलेश हर जगह आब्दी को साथ लेकर घुमते है. जयललिता की अंतिम यात्रा में भी वे उन्हें चेन्नई साथ लेकर गए थे.