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उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक रामपुर सीट, है रामपुर सीट का जानिए क्या है इतिहास

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक रामपुर सीट है। यह सीट साल 1952 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर पहला चुनाव देश के शिक्षा मंत्री रहे भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद जीते थे। इसके बाद साल 1967 से लंबे समय तक इस सीट पर नवाब परिवार का कब्जा रहा। नवाब जुल्फिकार अली खान पहले कांग्रेस से 1967 और 1971 में लगातार दो बार यहां सांसद बने। फिर साल 1977 की जनता पार्टी की लहर में राजेंद्र शर्मा इस सीट से सांसद चुने गए, लेकिन उसके बाद साल 1980, 1984 और 1989 के लगातार तीन चुनाव जीत कर नवाब जुल्फिकार अली खान ने हैट्रिक लगाई थी।

उसके बाद साल 1996 और 1999 में कांग्रेस के सिंबल पर ही नवाब परिवार की बेगम नूर बानो ने जीत का परचम लहराया। ये सीट नवाब खानदान के साथ ही कांग्रेस का गढ़ रही। लेकिन 2001 के दशक से सपा का गढ़ कहलाने लगी और साल 2004 से 2014 तक यहां की सांसद सपा से फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा रही। हालांकि 2019 के पिछले चुनाव में सपा के कद्दावर नेता आजम खां ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी के कमल पर लड़ रही जयाप्रदा को बड़े अंतर से चुनाव हराया था लेकिन 2022 के उपचुनाव में यहां से बीजेपी के घनश्याम लोधी ने सपा उम्मीदवार को हराकर हार-जीत का हिसाब बराबर कर लिया।

रामपुर में विधानसभा कि सीटें
आपको बता दें कि रामपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें स्वार, चमरौआ, बिलासपुर, रामपुर सदर और मिलक सुरक्षित शामिल हैं।

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो रामपुर लोकसभा की 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर बीजेपी और 3 पर समाजवादी पार्टी जीती थी। लेकिन उपचुनाव में बीजेपी और उसकी सहयोगी अपना दल एस ने दो सीटें रामपुर और स्वार सपा से छीन ली हैं। अब 4 पर बीजेपी और एक पर सपा का कब्जा है।

रामपुर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या

रामपुर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 69 हजार 479 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 97 हजार 237 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 72 हजार 182 है। वहीं ट्रांसजेंडर के कुल 162 मतदाता शामिल हैं।