Breaking News

आज़म खान की प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए कैसे बहा दिए सरकार ने जनता के 3000 करोड़ रूपये

लखनऊ। उत्तरप्रदेश के सपा नेता और पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आज़म खान की मुसीबतें इस सरकार में ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। नए मामले में राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने एक विभागीय जांच में पाया है कि मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के रामपुर परिसर के अंदर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी धन का कथित रूप से कई बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं पर खर्च किया गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस पैसे से विश्वविद्यालय परिसर में सड़क, गेस्ट हाउस, पंडाल, बिजली उप-स्टेशन, अनुसंधान संस्थान भवन, पानी की टंकी आदि बनाये गए। गौरतलब है कि वरिष्ठ समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आज़म खान 2006 में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं।

रामपुर जिले के विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण के एमओएस बलदेव सिंह औलख ने कहा कि यह मामला सीबीआई जाँच के लिए उपयुक्त है। इसमें निजी कल्याण के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कहा वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह देंगे कि विश्वविद्यालय को जल्द एक सरकारी संस्था में परिवर्तित किया जाये।

औलख ने कहा कि “हमने पाया कि विश्वविद्यालय के अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण 20 करोड़ रूपए के निवेश के साथ लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया था और 2014 में इसके निर्माण के तुरंत बाद इसे जौहर ट्रस्ट को 30 से अधिक वर्षों के लिए सौ सौ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से सौंप दिया गया था।

उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में एक शानदार गेस्ट हाउस बनाने के लिए 236 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। जबकि कैंपस के अंदर आरसीसी रोड के निर्माण पर 1,310 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

साथ ही बिजली विभाग ने उप-स्टेशन का निर्माण किया, जबकि यूपी जल निगम ने एक बड़ी पानी की टंकी का निर्माण किया। वहीँ संस्कृति विभाग ने अरबों के एक विशाल अस्थायी पंडाल का निर्माण किया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहल राज्य सरकार ने कथित वक्फ जमीन घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसमें जौहर विश्वविद्यालय को दी गई जमीन भी शामिल थी।