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आरकॉम-एयरसेल विलय : 65,000 करोड़ रुपये की सम्पत्ति वाली होगी नई कंपनी

anil-ambaniमुंबई: अरबपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और एयरसेल ने बुधवार को अपने वायरलेस बिजनेस के विलय की घोषणा की. इस विलय के साथ सब्सक्राइबर बेस पर देश की तीसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी सामने आएगी. भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है.

आरकॉम और एयरसेल के विलय के बाद दोनों कंपनियां संयुक्त उद्यम को अपने 14,000-14,000 करोड़ रुपये कर्ज हस्तांतरित करेंगी. इससे नई कंपनी के ऊपर 28,000 करोड़ रुपये का कर्ज होगा. इसमें स्पेक्ट्रम के 6,000 करोड़ रुपये के भुगतान का दायित्व शामिल नहीं है. इस सौदे से आरकॉम को अपना कर्ज 20,000 करोड़ रुपये कम करने में मदद मिलेगी. यह उसके कुल कर्ज का 40 प्रतिशत है.

बयान के अनुसार, “आरकॉम घरेलू और वैश्विक उपक्रम खंड, डाटा केंद्रों, ऑप्टिक फाइबर तथा संबंधित दूरसंचार ढांचागत सुविधा के अलावा मूल्यवान जमीन-जायदाद में उच्च वृद्धि कारोबार को आगे बढ़ाना जारी रखेगी.” एमटीएस (सिस्तेमा) की आरकॉम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बनी रहेगी. नई इकाई देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक होगी जिसके पास 65,000 करोड़ रुपये (9.7 अरब डॉलर) की संपत्ति होगी और इसका नेटवर्थ 35,000 करोड़ रुपये (5.2 अरब डॉलर) होगा.
जानकारों का मानना है कि इस विलय से रिलायंस जियो की आक्रामक लॉन्च के बाद टेलीकॉम सेक्टर में और प्रतिस्पर्धा बढ़ने के पूरे आसार हैं. वायरलेस सब्सक्राइबर बेस पर रिलायंस कम्युनिकेशंस देश की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है जिसके 9.87 करोड़ ग्राहक हैं जबकि एयरसेल इस मामले में 8.8 करोड़ ग्राहकों के साथ छठे स्थान पर है. विलय के बाद नई कंपनी तीसरे नंबर पर काबिज आइडिया को पीछे छोड़ देगी. फिलहाल भारती एयरटेल पहले और वोडाफोन दूसरे नंबर है.

एयरसेल के साथ विलय के सौदे का बहुस्वामित्व मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशंस के पास होगा जो रिलायंस कम्युनिकेशंस के एक्सेस को 3G एयरवेव्स तक विस्तारित करेगी. साथ ही कंपनी अपने पोर्टफोलियो में 4G क्षमता को भी शामिल करेगी. संयुक्त कंपनी में आरकॉम और मैक्सिस कम्युनिकेशंस दोनों के पास  50-50 फीसदी हिस्सेदारी होगी. दोनों कंपनियों को बोर्ड और समितियों में बराबर का प्रतिनिधित्व होगा.