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खत्म होने का नाम नहीं ले रही है मनीष सिसोदिया का मुश्किलें, दिल्ली HC ने 31 मई तक बढ़ाई हिरासत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी। न्यायाधीश स्वर्णकांता शर्मा ने दोनों जमानत याचिकाओं पर आदेश सुनाए। उच्च न्यायालय ने 14 मई को आप नेता, सीबीआई और ईडी की ओर से दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

बहस के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने दलील दी थी कि वह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगली अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाएगी।  उच्च न्यायालय ने 14 मई को आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया के अलावा सीबीआई और ईडी की ओर से दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। बहस के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने दलील दी थी कि वह दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अगले आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगी।

सत्रह मई को ईडी ने धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया। सिसोदिया के लिए जमानत का अनुरोध करते हुए उनके वकील ने कहा था कि ईडी और सीबीआई अभी भी धन शोधन और भ्रष्टाचार मामले में लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे के जल्द समापन की कोई संभावना नहीं है। ईडी और सीबीआई दोनों ने इस आधार पर सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है कि मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए आरोपियों द्वारा ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।