नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार रेलवे और सड़क जैसे बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए दिल खोलकर खर्चा करने के मूड में दिख रही है। एक ओर मोदी कैबिनेट ने 10,700 करोड़ रुपये की लागत वाली रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। तो दूसरी ओर नैशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) अगले पांच से छह सालों में करीब 17 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है।
बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में छह रेलवे लाइनों और एक पुल के निर्माण के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। इसकी कुल लागत का ज्यादातर हिस्सा अतिरिक्त बजटीय साधनों के जरिए जुटाया जाएगा। अभी रेलवे 81,459 करोड़ रुपये की लागत से 3,342 कि.मी. ट्रैक बिछाने में जुटा है। इसके तहत ईस्टर्न और वेस्टर्न डीएफसी शामिल हैं। योजना के मुताबिक, रेलवे से माल ढुलाई में तेजी लाने के लिए चार और गलियारों का निर्माण होना है।
बहरहाल, मोदी कैबिनेट ने रेलवे के जिन प्रस्तावों को हरी झंडी दी है, उनमें पश्चिम बंगाल की हुबली-चिकअजुर ब्रॉड गेज सिंगल रेलवे लाइन को डबल लाइन में तब्दील किए जाने की योजना शामिल है। इस पर कुल 1,295 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। उसी तरह, महाराष्ट्र में वर्धा-बल्लारशाह के बीच 132 कि.मी. लंबी तीसरी रेलवे लाइन बनाई जाएगी। इसकी अनुमानित लागत 1443 करोड़ रुपये आएगी।
वहीं, 2,676 करोड़ की अनुमानित लागत से 160 कि.मी. लंबी रमना-सिंगरौली रेलवे लाइन का निर्माण होना है। इस प्रॉजेक्ट के तहत झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में काम होंगे। इनके अलावा, 1,596 करोड़ की लागत से मध्य प्रदेश में अनुपुर-कटनी के बीच 165 कि.मी. लंबी तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण, 2,085 करोड़ की लागत से मध्य प्रदेश में 261 कि.मी. कटनी-सिंगरौली रेलवे लाइन का दोहरीकरण जबकि 1,700 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के रामपुर डुमरा-टाल-राजेंद्रपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण के साथ-साथ एक पुल के निर्माण की भी योजना है।
‘सड़क परियोजनाओं पर 17 लाख करोड़ होंगे खर्च’
वहीं, नैशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन राघव चंद्रा ने कहा, ‘हमने 50,000 कि.मी. लंबी सड़क परियोजनाओं का चयन किया है जिन्हें अगले पांच से छह सालों में पूरा किया जा सकता है। इन प्रॉजेक्ट्स में करीब 250 बिलियन डॉलर (करीब 17 लाख करोड़ रुपये) के निवेश की संभावना है।’ बुधवार को मेक इन इंडिया सप्ताह में रोड सेक्टर पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनएचएआई 7,000 कि.मी. लंबी सड़क परियोजनाओं पर डीटेल्ड रिपोर्ट तैयार करने में जुट चुका है।
चंद्रा ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि एनएचएआई भारत माला, नैशनल हाइवेज डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट, सेठ भारतम परियोजना और डिस्ट्रक्ट कनेक्टिविटी के तहत अगले पांच सालों में अकेले अपने दम पर 25,000 कि.मी. की सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम होगा।’