ट्यूनिस। बेरोजगारी की वजह से ट्यूनिसिया में बीते कई दिनों से व्यापक आंदोलन चल रहा है। लाखों की संख्या में युवा सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि सरकार को प्रदर्शनों से आजिज आकर कर्फ्यू लगाने का भी फैसला लेना पड़ा। ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति बेजी कैड इसिब्सी का कहना है कि देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, लेकिन चिंता की बात यह भी है कि इसे लीबिया तक पहुंच चुके आतंकी संगठन आईएस द्वारा भुनाया जा सकता है। इसिब्सी ने कहा कि आतंकी संगठन इस समस्या का लाभ उठाते हुए युवाओं को बरगलाने का काम कर सकता है।
आंदोलन शुरू होने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब राष्ट्रपति ने कहा, ‘इन प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद कुछ गलत तत्वों ने इसमें शामिल होकर स्थिति को बिगाड़ने का काम किया।’ पूरे देश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान करने के बाद इसिब्सी ने कहा कि इस आंदोलन में ‘डर्टी हैंड्स’ शामिल हैं। ट्यूनिसिया के कैसरिन में पिछले शनिवार की एक बेरोजगार युवक की बिजली के खंभे से करंट लगने पर हुई मौत के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद देश के कई इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गए, यहां तक कि कई युवाओं ने अपनी जान देने का भी प्रयास किया।
2011 में अरब बसंत के बाद तानाशह जिने-अब-अबेदीन बेन अली के सत्ता से हटने के बाद से ट्यूनिसिया आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित किए जाने के दौर में गुजर रहे, ट्यूनिसिया में हालिया वक्त में यह संकट और भी गहरा गया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इसिब्सी ने कहा, ‘सरकार बेरोजगारी को कम करने का प्रयास कर रही है, लेकिन यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि स्थिति इतनी न बिगड़ जाए कि आईएस जैसे आतंकी संगठन उसका फायदा उठाने लगें।’
संकट से जूझ रहे ट्यूनिसिया को फ्रांस से अगले पांच सालों में 1.1 अरब डॉलर की मदद करने का भरोसा दिया गया है। फ्रांस का कहना है कि अगले पांच सालों में ट्यूनिसिया में लोकतंत्र की स्थापना होने तक उसकी मदद जारी रहेगी।