नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर देश में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए रास्ता खोल दिया गया। इससे पहले सरकार ने कांग्रेस के एक प्रतिशत के अतिरिक्त कर को वापस लेने की मांग को मान लिया और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा दिलाया कि GST के तहत कर दर को यथासंभव नीचे रखा जाएगा। राज्यसभा में वोटिंग के दौरान GST बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। GST के पक्ष में राज्यसभा के 203 सदस्यों ने मत दिया। हालांकि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ AIADMK ने राज्यसभा में GST बिल पर मतविभाजन से खुद को अलग रखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी पार्टियों के नेताओं और सदस्यों को GST बिल के पारित होने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि एकीकृत राष्ट्रीय बाजार के लिए हम साथ मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने GST बिल के पारित होने को सहकारी संघवाद का सबसे अच्छा उदाहरण बताया है। जेटली ने बुधवार को 122वां संविधान संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि GST दर को यथासंभव नीचे रखा जाए। निश्चित तौर पर यह आज की दर से नीचे होगा।
राज्यसभा में विधेयक पर मतदान से पहले सरकार के जवाब से असंतोष जताते हुए AIADMK ने सदन से वॉकआउट किया। कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर अपने विरोध को तब छोड़ा जब सरकार ने एक प्रतिशत के विनिर्माण कर को हटा लेने की उसकी मांग को मान लिया। साथ ही इसमें इस बात का स्पष्ट रुप से उल्लेख किया गया है कि राज्यों को होने वाली राजस्व हानि की पांच साल तक की भरपाई की जाएगी।
इससे पहले GST बिल पर सरकार का पक्ष रखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘भारत राज्यों का कोई संगठन नहीं है बल्कि राज्यों का संघ है। GST के लिए राज्य अपनी शक्तियां नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि वे अधिकारों के इस्तेमाल का हिस्सा बनने जा रहे हैं। केंद्र और राज्य एक साथ बैठेंगे और दोनों के लिए एक जैसा टैक्स ढांचा होगा।’
GST पर कांग्रेस के शुरुआती मसौदे पर जेटली ने कहा, ‘अगर हमने कांग्रेस का GST वर्जन आज सदन के पटल पर रखा होता तो एक भी राज्य इस पर दस्तखत के लिए तैयार नहीं होता। 2011 के कानून में यह लिखा था कि सहमति के आधार पर निर्णय लेंगे। सहमति का क्या मतलब था, इस पर कुछ नहीं कहा गया था। यह आम सहमति होती या बहुमत की राय, यह तय नहीं था। 2011 के मसौदे में राज्यों के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं था।’
राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को GST से संबंधित 122वां संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी GST विचार का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन UPA सरकार ने साल 2011 से साल 2014 के बीच GST विधेयक को पारित कराने का प्रयास किया किन्तु उस समय की मुख्य विपक्षी पार्टी का सहयोग न मिल पाने के कारण यह विधेयक पारित न हो सका।