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आयकर विभाग ने मारा जूता व्यापारियों के घर छापा, मिली करोड़ों की नगदी

उत्तर प्रदेश में ताज नगरी आगरा में आयकर विभाग की छापेमारी में जूता कारोबारी के यहां रविवार सुबह तक 40 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है। रकम की गिनती अभी जारी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गिनती 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। नोटों को गिनने में मशीनों और बैंक कर्मियों की भी मदद ली गई है। विभाग ने शनिवार को शहर के 3 जूता कारोबारियों के यहां छापे की कार्रवाई शुरू की थी। एमजी रोड स्थित बीके शूज, ढाकरान स्थित मंशु फुटवियर और हींग की मंडी स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स के 14 परिसरों पर इन्वेस्टिगेशन विंग की टीमों ने एकसाथ कारर्वाई शुरू की। इन व्यापारियों के आवास, कार्यालय, फैक्ट्री व गोदाम आदि परिसरों से जांच टीमों ने टैक्स में हेराफेरी के कई जरूरी दस्तावेज जब्त किये।

देर रात तक नोटों की गिनती 40 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई
विभागीय सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान हरमिलाप ट्रेडर्स के यहां से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद की गई। इस फर्म से इतनी बड़ी नकदी की बरामदगी की उम्मीद नहीं थी। नोटों के ढेर को देख कर जांच टीम ने अपने वरिष्ठों को जानकारी दी और उनके निर्देश पर नकदी को कब्जे में लेकर गिनती शुरू कराई। अधिक रकम होने के कारण शनिवार की शाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों और नोट गिनने वाली मशीनों की मदद ली गई। देर रात तक नोटों की गिनती 40 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई थी।

50 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच सकती है नोटों की गिनती
अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गिनती पचास करोड़ रुपये से अधिक पहुंच सकती है। हरमिलाप ट्रेडर्स यह फर्म हींग की मंडी की पुरानी फर्मों में गिनी जाती है और इनके यहां व्यापारिक पर्चों के लेन-देन का भी काम होता है। उधर दो अन्य जूता कारोबारियों की फर्म बीके शूज और मंशु फुटवियर पर भी आयकर विभाग की जांच-पड़ताल जारी है। जांच टीमों ने दिनों फर्मों से टैक्स में हेरफेर और आय से अधिक संपत्ति संबंधी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं।

बताया जा रहा है कि सभी जगह पुलिस का पहरा है, किसी बाहरी व्यक्ति का आवागमन निषेध कर दिया गया है। छापे की कार्रवाई दो-तीन दिन जारी रहने की संभावना है। आयकर विभाग ने अभी तीनों फर्मों पर छापे और उनके यहां से मिली नकदी के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही अधिकारिक रूप से कुछ कहा जा सकेगा।