नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के तेवर और सुर दोनों बदल गए हैं. अब वह रण नहीं याचना की भाषा बोल रही है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार की शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कीं और जिस अंदाज में कहीं उससे यही मतलब निकलता दिख रहा है.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि “हाईकोर्ट के फैसले के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग के सारे मामले चुनी हुई सरकार के हाथ में नहीं हैं, एलजी के हाथ में हैं, इसलिए हमारा एलजी से निवेदन है कि मोहल्ला क्लिनिक और स्कूल निर्माण के काम में लगे अफसरों को उनके पद से न हटाएं. पीडब्लूडी सचिव और स्वास्थ्य सचिव को पद से न हटाएं.” सिसोदिया ने बताया कि यह दोनों बेहद काबिल और मेहनती अफसर हैं. दिल्ली की आम जनता के लिए चल रहे प्रोजेक्ट पर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए हमने एलजी से इनके लिए निवेदन किया है और एलजी साहब ने भी कहा है कि वे गृह मंत्रालय से बात करके बताएंगे.
सिसोदिया ने कहा कि “एलजी के आदेश के मुताबिक अब दिल्ली के अंदर किसी भी बड़े या छोटे अधिकारी या कर्मचारी की ट्रांसफर, पोस्टिंग अब चुनी हुई सरकार के हाथ में नहीं है. यानि अब दिल्ली के सीएम एक चपरासी तक की नियुक्ति नहीं कर सकते.” सिसोदिया ने कहा कि ”हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमें फिलहाल इस बारे कोई कोई भ्रम नहीं इसलिए हम और किसी के लिए कुछ नहीं कह रहे लेकिन दिल्ली की जनता के लिए एलजी से निवेदन कर रहे हैं.”