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rail budgetनई दिल्ली। अपना दूसरा रेल बजट पेश कर रहे रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि मिलकर कुछ नया करने की जरूरत है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता ‘हम ना रुकेंगे, हम ना झुकेंगे’ की पंक्ति दोहराते हुए कहा कि वह रेलवे के नफा-नुकसान का ब्योरा पेश करने जा रहे हैं। प्रभु ने ‘डिजिटल इंडिया’ की कड़ी में रेलवे की सभी भर्तियां ऑनलाइन करने की घोषणा की।
युवाओं को रेलवे भर्तियों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित करने की दिशा में नैशनल अकादमी ऑफ इंडियन रेलवे, बड़ौदा को पूरी तरह से रेल यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। रेलमंत्री ने कहा कि इसके लिए प्रक्रिया जारी है। मालूम हो कि पिछले रेल बजट में सुरेश प्रभु ने इसकी घोषणा की थी।

रेल किराये के बारे में बोलते हुए प्रभु ने कहा कि वह रेल किराया बढ़ाने के परंपरागत तरीके में बदलाव लाना चाहते हैं। उन्होंने काम करने के तरीकों में बदलाव लाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अनुमान के मुताबिक इस बार 8,270 करोड़ रुपये की बचत हुई है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए 18,4450 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की उम्मीद जताई।

रेलमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे के पुनर्गठन और पुनर्निर्माण की जरूरत है। केवल किराया बढ़ाकर ही कमाई बढ़ाने का विकल्प सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल रेलवे में दोगुना निवेश हुआ। प्रभु ने बताया कि भारतीय रेल यात्री किराया व माल ढुलाई के अलावा कमाई के दूसरे साधनों और विकल्पों पर भी गौर कर रही है।

उन्होंने साल 2020 के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि रेलवे 2020 तक लोगों की उम्मीदें पूरी करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे जरूरत के हिसाब से लोगों को टिकट आरक्षण मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है। प्रभु ने कहा कि मानवरहित रेलवे फाटकों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। गाड़ियों के समय से चलने व लोगों को आरक्षित टिकट मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि रेलवे 2020 तक यह लक्ष्य पूरा करने की दिशा में कोशिश कर रही है। रेलमंत्री के मुताबिक, 2020 तक कुल ट्रेनों में से 95 फीसद ट्रेनों को समय पर चलाने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रभु ने जानकारी दी कि रेल मंत्रालय अलगे साल 2,800 किलोमीटर लाइन शुरू करेगा। रेल बिजलीकरण पर जोर देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में इसे मौजूदा अनुपात से बढ़ाकर दोगुना करने की कोशिश है। उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में रेलवे संपर्क बढ़ाने का भी लक्ष्य दोहराया। ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक लाने की भी बात प्रभु ने कही।