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सपा के पूर्व नेता और प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा

लखनऊ। इस बार के उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के तमाम बड़े दिग्‍गजों को पटखनी दी थी। समाजवादी पार्टी पर बीजेपी के हमले अब भी जारी हैं। या ये कहें कि यूपी की करारी हार के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेताओं की आस्‍था पार्टी के साथ-साथ अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से भी उठती जा रही है। रविवार को समाजवादी पार्टी को एक और बहुत बड़ा झटका लगा है। सपा के पूर्व नेता और प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भारतीय जनता पार्टी ज्‍वाइन कर ली है। उन्‍होंने दिल्‍ली में भारतीय जनता पार्टी को ज्‍वाइन किया।

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता और प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले ही पार्टी का साथ छोड़ दिया था। हालांकि जिस वक्‍त उन्‍होंने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का साथ छोड़ने का एलान किया था उस वक्‍त उन्‍होंने कहा था कि वो किसी भी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। लेकिन, अब उन्‍होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। गौरव भाटिया समाजवादी पार्टी के लीगल विंग के अध्‍यक्ष हुआ करते थे। उन्‍हें अखिलेश यादव का भी करीबी बताया जाता है। लेकिन, काफी दिनों से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। गौरव भाटिया ने 5 फरवरी को समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया था। उन्‍होंने कहा कि मैंने उसी दिन पार्टी के सभी पदों से इस्‍तीफा दे दिया था।

दिल्‍ली में भारतीय जनता पार्टी को ज्‍वाइन करने से पहले गौरव भाटिया ने खुद ही ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि वो बीजेपी ज्‍वाइन कर रहे हैं। हालांकि गौरव भाटिया ने अब तक ये स्‍पष्‍ट नहीं किया है कि उन्‍होंने समाजवादी पार्टी से आखिर क्‍यों इस्‍तीफा दिया। क्‍या उनके और अखिलेश यादव के बीच किसी बात को लेकर अनबन हुई थी या फिर इस्‍तीफे की वजह कोई और थी। नेता के साथ-साथ गौरव भाटिया सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील भी हैं। साथ ही, वो उत्‍तर प्रदेश के अपर महाधिवक्ता भी रह चुके हैं। गौरव भाटिया की गिनती अब तक समाजवादी पार्टी के तेज तर्रार और सबसे अच्‍छे प्रवक्‍ता के तौर पर होती थी। लेकिन, अब उनके जैसा कोई दूसरा चेहरा अखिलेश यादव के पास नहीं बचा है।

उत्‍तर प्रदेश में इस वक्‍त  भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने इस बार के चुनाव में 325 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसके बाद योगी आदित्‍यनाथ को यूपी का मुख्‍यमंत्री बनाया गया था। योगी आदित्‍यनाथ प्रदेश के हित में ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। उन्‍होंने अपने इस कदम से प्रदेश की जनता के साथ-साथ विपक्ष के भी तमाम नेताओं का दिल जीत लिया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दूसरे दलों के कुछ और नेता भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इन दिनों अखिलेश यादव के भाई प्रतीक यादव और उनकी पत्‍नी अपर्णा यादव की भी नजदीकियां भारतीय जनता पार्टी से बढ़ रही हैं। जो प्रदेश में नए सियासी समीकरण की ओर इशारा करते हैं।