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अपर्णा यादव के कान्हा उपवन को जब्त कर हो सकता है एंटी-भूमाफिया ऑपरेशन का शुभारंभ ? मुलायम ने हड़पी थी ये जमीन!

लखनऊ। यूपी के सीएम आदित्यनाथ लखनऊ के जिस कान्हा उपवन में गए थे, उसकी असली कहानी अब सामने आ रही है। ऐसी खबर है कि इस जमीन को यूपी सरकार बहुत जल्द जब्त करने वाली है। आरोप है कि मुलायम की बहू अपर्णा यादव जिस जमीन पर कान्हा उपवन चला रही हैं, वो सरकारी है और इसे अवैध तरीके से कब्जा किया गया है। लखनऊ के मेयर रहे और मौजूदा डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस बारे में योगी आदित्यनाथ को जानकारी दे दी थी। चूंकि कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ से मिलने आईं अपर्णा ने उन्हें कान्हा उपवन में आने का न्यौता दिया था, लिहाजा योगी ने तय किया कि वो खुद चलकर देखेंगे कि मामला क्या है। यूपी बीजेपी के एक नेता से मिली खबर के मुताबिक राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जगह-जगह बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जे किए गए हैं। इन्हें खाली कराने के लिए एंटी-भूमाफिया ऑपरेशन जल्द शुरू होने वाला है। कान्हा उपवन में योगी के दौरे को इसी अभियान की शुरूआत समझा जा सकता है। जिस वक्त योगी वहां पर गए थे, उनके साथ दिनेश शर्मा और लखनऊ नगर निगम के कई बड़े अधिकारी भी साथ थे।

कान्हा उपवन जहां पर चल रहा है वो दरअसल लखनऊ नगर निगम की जमीन थी। मायावती की सरकार के वक्त इसे आवारा गाय-बैलों को रखने के लिए अलॉट किया गया था। शहर भर के छुट्टा पशु पकड़कर यहीं पर छोड़ दिए जाते थे। अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद करीब 54 एकड़ की ये जमीन अपर्णा सिंह बिष्ट के एनजीओ को दे दी गई। उन्होंने यहां पर दुधारू गायों को पालने का काम शुरू कर दिया और शहर में यहां-वहां घूमने वाले छुट्टा गाय-बैलों की एंट्री पर बैन लग गया। फिलहाल कान्हा उपवन में हर दिन 300 लीटर दूध का उत्पादन होता है। ये दूध बिकता है या जरूरतमंद गरीबों को दिया जाता है इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं है। कान्हा उपवन के एक कर्मचारी ने हमें बताया कि छोटी बहू अपर्णा इस दूध को मोटी कीमत पर बिकवाकर खूब मुनाफा कमा रही हैं। खुद उनके घर में भी यहीं का दूध जाता है। इसके अलावा लखनऊ में मुलायम परिवार और उससे जुड़े तमाम सदस्यों के घर भी कान्हा उपवन की गायों का दूध ही पहुंचाया जाता है। कहने को तो अपर्णा का एनजीओ ये गोशाला चला रहा है, लेकिन असलियत ये है कि लखनऊ नगर निगम हर साल इस गोशाला की देखरेख और रख-रखाव पर 1 करोड़ रुपये के करीब खर्च करता है।

बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही अपर्णा यादव को डर सता रहा है कि उनकी कब्जाई ये जमीन अब हाथ से निकल जाएगी। योगी आदित्यनाथ से अपनी पहली ही मुलाकात में उन्होंने कान्हा उपवन में आने का न्यौता दे दिया। अपर्णा को लग रहा था कि एक बार खुद मुख्यमंत्री उनकी गोशाला में आ जाएंगे तो कोई भी अफसर उन पर हाथ डालने से डरेगा। लेकिन अंदरखाने से जो खबर आ रही है वो अपर्णा के लिए मुश्किल बढ़ाने वाली है। न्यूज़लूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक अपर्णा के एनजीओ के साथ हुए करार के कागजात निकलवाए जा चुके हैं। इस बारे में कानूनी राय भी ली जा रही है। ज्यादा संभावना इस बात की है कि नगर निगम इस करार को रद्द करके गोशाला को अपनी हिफाजत में ले लेगा और इसे एक सरकारी आदर्श गोशाला के रूप में चलाया जाएगा। हालांकि यह भी संभावना है कि अपर्णा यादव और उनके पति प्रतीक यादव खुद ही इस जमीन को खाली कर देंगे। यह मुलायम कुनबे के बाकी सदस्यों के लिए भी संकेत की तरह होगा कि वो सरकारी जमीनों पर अपने अवैध कब्जों को हटा लें, वरना सरकारी कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहें।