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UP Investors Summit :लखनऊ के टीसीएस कर्मियों को मिला बड़ा तोहफा

लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में आज लखनऊ के टीसीएस कर्मियों को बड़ा तोहफा मिला है। यूपी इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन सत्र में टाटा संस ने बड़ी घोषणा की। टाटा संस तथा टीसीएस के चेयरमैन एन.चंद्रशेखरन ने कहा कि लखनऊ से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज टीसीएस का नाता टूटने नहीं जा रहा है। अब टीसीएस यहां अपनी स्थिति और मजबूत करेगी।

लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय यूपी इन्वेस्टर्स समिट में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि लखनऊ से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का काफी पुराना रिश्ता है। यह रिश्ता अब और मजबूत होगा। टीसीएस लखनऊ में अपनी सर्विसेज जारी रखेगी। अब टीसीएस यहां अपनी स्थिति और मजबूत करेगी।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों में चौतरफा विकास के लिए हम सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। एन चंद्रशेखरन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में टीसीएस की उपस्थिति है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ही टाटा मोटर्स भी है। हमारे खुदरा कंपनियों की यहां एक महत्वपूर्ण उपस्थिति है। हम पूरे क्षेत्रों में यूपी के विकास में भाग लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बीते वर्ष जुलाई में टाटा कंसल्टेंसी सर्विस के राजधानी लखनऊ से अपना काम बंद करने की खबरों से बाजार गर्म हो गया था। कर्मियों को मौखिक तौर पर बंदी का आदेश सुना दिया गया। इस निर्णय से यहां काम कर रहे करीब 2000 पेशेवरों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। इसके बाद टीसीएस लखनऊ के आईटी प्रोफेशनल्स ने ट्विटर पर गुपचुप तरीके से एक अभियान भी छेड़ा। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि टीसीएस को वह लखनऊ से नहीं जाने देंगे।

क्या है मामला

टीसीएस लखनऊ को उत्तर प्रदेश में आईटी प्रोफेशनल्स का सबसे बड़ा हब माना जाता है। बताया गया लखनऊ में कंपनी चलाने में आर्थिक नुकसान काफी हो रहा है इसी कारण यह कदम उठाया जा रहा है। दरअसल टीसीएस की अवध पार्क की 10 वर्ष की लीज 2017 के मई में खत्म हो गई। पता चला कि लीज 11 महीने के लिए रिन्यू की गई है। कंपनी के ऊपर पार्क में लीज पर बिल्डिंग का किराया चार गुना बढ़ाने का दबाव है। जिसे लेकर कंपनी तैयार नहीं है। टीसीएस की लखनऊ में शुरुआत 1987 में विधानसभा मार्ग पर तुलसी गंगा कांप्लेक्स से हुई थी। इसके बाद 1988 में राणा प्रताप मार्ग पर कंपनी का दफ्तर शिफ्ट हुआ, फिर 2008 में स्टेशन रोड पर दफ्तर शिफ्ट हुआ। 200 से ज्यादा कर्मचारी हो जाने पर कंपनी ऑफिस विभूति खंड अवध टीसीएस पार्क में शिफ्ट किया गया।