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सुप्रीमकोर्ट ने आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 26 सितंबर तक बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी मामले के आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 26 सितंबर तक बढ़ा दी। जनवरी में, शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी और जेल से रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उन्हें उत्तर प्रदेश छोड़ने का निर्देश दिया था। 3 अक्टूबर, 2021 को, लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई, जब किसान तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे।

दुर्घटना में चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें कथित तौर पर आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना के बाद, एसयूवी के चालक, दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार की कथित तौर पर गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। जनवरी में जब अदालत ने आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी, तो पीठ ने कहा था कि उनके, उनके परिवार या समर्थकों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित करने या धमकी देने का कोई भी प्रयास अंतरिम जमानत रद्द कर दिया जाएगा।

आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत पर रिहाई के एक सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में अपना पासपोर्ट जमा करने और मुकदमे की कार्यवाही में भाग लेने के अलावा उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं करने के लिए भी कहा गया था। शीर्ष अदालत ने 24 अप्रैल को कहा था कि निचली अदालत को मामले में रोजाना सुनवाई करने का निर्देश देना संभव नहीं होगा क्योंकि इससे वहां लंबित अन्य मामले प्रभावित हो सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को मामले की सुनवाई से जुड़ी जानकारी से उसे अवगत कराते रहने का निर्देश दिया था। हालांकि न्यायालय ने इस बात से इनकार किया था कि मामले की सुनवाई ‘‘धीमी गति’’ से चल रही है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि हालांकि मामले की सुनवाई उसकी निगरानी में नहीं हो रही है, लेकिन वह ‘‘अप्रत्यक्ष रूप से इस पर नजर बनाए हुए है।’’