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पीपीपी नेता बोले- पीएम इमरान शहादत नहीं, राजनीतिक मौत के लायक

इस्लामाबाद आसिफ अली जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) ने अपनी सहयोगी पार्टी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) को 28 मार्च को पीएम इमरान खान के खिलाफ होने वाली रैली को स्थगित करने के लिए कहा है। पीपीपी ने कहा है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करना चाहिए और इस रैली को रोक देना चाहिए। विपक्षी खेमे के सूत्रों ने समाचार पत्र डॉन को बताया कि पीपीपी ने औपचारिक रूप से पीडीएम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को इस्लामाबाद में अपनी प्रस्तावित सार्वजनिक बैठक को लेकर अपनी आपत्ति से अवगत करा दिया था।

जानें आखिर क्यों रैली नहीं करना चाहती है पीपीपी
पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने पीएम इमरान खान की पार्टी के सार्वजनिक सभा आयोजित करने पर रोक लगा दी है तो हमें भी इससे बचना चाहिए। नेताओं ने कहा कि अगर हम 28 मार्च अपनी रैली करते हैं तो हो सकता है कि पीएम इमरान खान भी कोई और कदम उठाएं। हमारी रैली से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना भी माना जा सकता है।

पीपीपी नेता बोले- पीएम इमरान शहादत नहीं, राजनीतिक मौत के लायक
पीपीपी के वरिष्ठ नेता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि विपक्ष को 27 तारीख को इस्लामाबाद में जलसा आयोजित करने की योजना पर गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए। इमरान खान वैसे भी फरार हैं। ऐसा न हो कि हमारी रैली करने से वे बवाल खड़ा करें। इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव से भी भाग सकते हैं। इमरान लोकतंत्र को पटरी से उतारने की कोशिश में लगे हैं जिसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। वह राजनीतिक मौत के हकदार हैं, शहादत के नहीं।

अगर रैली आयोजित होती है तो बिलावल भुट्टो भाग नहीं लेंगे: पीपीपी
पीपीपी ने पीडीएम नेताओं को यह भी सूचित किया था कि यदि वे अपनी नियोजित जनसभा को आगे बढ़ाने पर जोर देते हैं, तो पार्टी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी सभा में शामिल नहीं होंगे और पार्टी दूसरे स्तर के नेताओं को प्रतीकात्मक रूप से इसमें भाग लेने के लिए नामित करेगी।

अब 28 मार्च को पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव
प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ आज यानी 25 मार्च को पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव को अब तीन दिन के लिए टाल दिया गया है। बताया गया है कि एक सांसद की मौत के कारण स्पीकर असद कैसर ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तारीख 28 मार्च (सोमवार) कर दी है। बताया गया है कि इमरान सरकार के खिलाफ इस प्रस्ताव पर वोटिंग अगले हफ्ते ही हो सकती है। इस बीच इमरान की बहुमत साबित करने से पहले साथी पार्टियों को मनाने की ही उनकी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। अब नेशनल असेंबली में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी विपक्ष का साथ देने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि वह इमरान खान को पीएम पद से हटाने में विपक्षी दलों के गठबंधन का सहयोग करेगी।