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Gorakhnath Attack: आतंकी मुर्तजा की पुलिस रिमांड 16 अप्रैल तक बढ़ी

गोरखपुर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हुए हमले का मुख्य आरोपी मुर्तजा को लेकर कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। सोमवार सुबह एटीएस ने मुर्तजा को गोरखपुर कोर्ट में पेश किया। जहां उसे फिर 16 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया है। इससे पहले उसे 7 दिनों की रिमांड पर रखा गया था। इस बीच मुर्तजा के परिवार ने एटीएस को बताया कि रैंगिंग के कारण उसने आईआईटी का हॉस्टल छोड़ दिया था। वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया था। इस कारण उसे परिवार के साथ मुंबई में रखकर आईआईटी में पढ़ाया गया।

सीखा था कोडिंग
पूछताछ में मुर्तजा ने बताया कि वर्ष 2017 में इंटरनेट पर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने लगा। यहीं उसको ऐसे विचार आने लगे कि वह जन्नत में है, लेकिन अल्लाह उससे खफा है। मुर्तजा को लगा कि वह होमो सेक्सुअल है। जब ये बातें घरवालों को पता चलीं, तो उन्होंने उसका इलाज कराना शुरू कराया। डॉक्टरों ने इसे हाइपोमेनिया बीमारी बताया।

जनवरी 2020 से मुर्तजा हाईटेक कंप्यूटर कोडिंग सीखने लगा। इसी दौरान एक बार फिर सीरिया के आतंकी संगठनों के संपर्क में आया। उनसे प्रभावित होकर नेपाली खातों से आठ लाख रुपये भेज दिए। मुर्तजा को लगने लगा था कि मुस्लिमों को पूरी दुनिया परेशान कर रही है। कट्टरपंथी विचारधारा के चलते वह जिहादी मानसिकता का हो गया। इस बीच नेपाल सीमा पर स्थित संदिग्ध मदरसों में जाकर तकरीरें सुनने लगा।

बैंक खाते से हुई है लेनदेन
मुर्तजा ने कई खातों में रुपये भेजे हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद एटीएस अब उसकी संपत्ति का ब्योरा भी जुटा रहा है। यह देखा जाएगा कि उसकी कमाई कितनी थी और उसने कितने रुपये दूसरे लोगों को भेजे हैं। यह भी देखा जाएगा कि उसके खाते में रुपये कहां से आए। अगर आए हैं तो इस्तेमाल कहां किया गया।

अहमद मुर्तजा अब्बासी अरबी भाषा के कोड में बात किया करता था। एटीएस को मुर्तजा के घर से जिहादी लिटरेचर मिला है। इसमें एक अरबी किताब भी है। शुरुआती जांच में माना जा रहा था कि धर्म के प्रति निष्ठा की वजह से मुर्तजा इसे पढ़ता था। मुर्तजा के साथ एटीएस उस किताब को भी लखनऊ मुख्यालय लेकर गई। बारीकी से जांच करने पर किताब में कई शब्दों को रेखांकित किया पाया गया है।