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पीएम मोदी का हाल ही में संपन्न अमेरिका का उनका राजकीय दौरा असंदिग्ध रूप से बताता है कि वह भारत के सर्वश्रेष्ठ दूत हैं, इसी तरह बनता है इतिहास

संयुक्त रूप से एफ 414 जेट इंजन निर्माण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस और एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) के बीच मोदी की उपस्थिति में हुए समझौते को, जिसे दो देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों का प्रमाण बताया जा रहा है, अनेक विशेषज्ञ अमेरिका के साथ हुए असैन्य परमाणु समझौते जैसा महत्वपूर्ण बता रहे हैं।

 

विदेशी धरती पर भारत को जितने सकारात्मक ढंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेश करते हैं, उतना कोई और नहीं कर सकता। उनमें बेहद अतिरंजित ढंग से यह बताने की क्षमता है कि नया भारत क्या है, उसने क्या हासिल किया है, और आने वाले दिनों में क्या कुछ हासिल करने का वह इरादा रखता है। हाल ही में संपन्न अमेरिका का उनका राजकीय दौरा असंदिग्ध रूप से बताता है कि वह भारत के सर्वश्रेष्ठ दूत हैं।

 

भारत की शानदार ब्रैंडिंग के लिए सुचिंतित नजरिया, सतर्क व परिश्रम भरी तैयारी तथा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात व बातचीत की जरूरत पड़ती है। न्यूयॉर्क पहुंचने के कुछ ही घंटे के भीतर प्रधानमंत्री मोदी ने सावधानी से चुने गए उद्योग घराने के नेताओं, जनमत तैयार करने वालों और चिंतकों, जिनमें एक नोबेल पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति भी थे, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों और लेखकों, विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एक अरबपति निवेशक, स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों, थिंकटैंक तथा एक भारतीय-अमेरिकी गायिका फाल्गुनी शाह से मुलाकात की।

ट्विटर के मालिक एलन मस्क उनसे मिलने गए और बाहर निकलने के बाद उनकी टिप्पणी थी, ‘मैं मोदी का एक प्रशंसक हूं।’ ट्विटर के पूर्व सीईओ डोरेसी के इस सनसनीखेज दावे की पृष्ठभूमि में,  कि भारतीय अधिकारियों ने ट्विटर को धमकाया था, मस्क की इस टिप्पणी से भारत की चिंता दूर हो जाती है कि ट्विटर संबंधित देशों के राष्ट्रीय कानूनों का पालन करेगा।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिये सदियों पुराने भारतीय योग का रूपांतरण, विगत 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लॉन में भागीदारी, योग को मैत्री, शांति और समन्वय से जोड़ते हुए जी-20 की थीम-एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य से जोड़ना, साथ ही, वसैधव कटुंबकम के संदेश को रेखांकित करना प्रधानमंत्री मोदी का मास्टर स्ट्रोक था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ निजी डिनर से पहले मोदी ने उनकी पत्नी डॉ. जिल बाइडन की मेजबानी में नेशनल साइंस फाउंडेशन की एक बैठक में भाग लिया, जहां उन्होंने कौशल, प्रशिक्षण और शोध जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

प्रतीकों का शानदार इस्तेमाल करने में मोदी को महारत हासिल है। उनके द्वारा डॉ. जिल बाइडन को उपहार में दिया गया हरा हीरा अगर अर्थपूर्ण था, तो बाइडन को दिए गए उपहार भी उतने ही मानीखेज थे : चंदन की लकड़ी के छोटे बॉक्स में चांदी के गणेश जी, एक दीया, ताम्रपत्र और दशदानम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के प्रमाण थे, तो डब्ल्यूबी यीट्स तथा पुरोहित स्वामी द्वारा अनूदित टेन प्रिंसिपल उपनिषद्स की प्रति भारत और अमेरिका के बीच के आध्यात्मिक और बौद्धिक संबंध के बारे में बताती थी।

संयुक्त रूप से एफ 414 जेट इंजन निर्माण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस और एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) के बीच मोदी की उपस्थिति में हुए समझौते को, जिसे दो देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों का प्रमाण बताया जा रहा है, अनेक विशेषज्ञ अमेरिका के साथ हुए असैन्य परमाणु समझौते जैसा महत्वपूर्ण बता रहे हैं। यह कदम जहां हमारे आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देगा, वहीं इससे वायुसेना को बेहतर तकनीकी क्षमता हासिल होगी।

इस अवसर पर बाइडन ने कहा, ‘हम अपनी रक्षा साझेदारी को अधिकाधिक संयुक्त उपक्रमों से लैस करने के साथ रक्षा उद्योगों के बीच ज्यादा आपसी सहयोग और तमाम क्षेत्रों में ज्यादा विचार-विमर्श और सहयोग पर जोर दे रहे हैं।’  बाइडन ने अमेरिका में भारतीय फर्मों के निवेश को रेखांकित करने के साथ एयर इंडिया द्वारा 200 बोइंग विमानों की खरीद के आदेश का जिक्र किया। इस सौदे में भारत को 31 एमक्यू-9बी आक्रामक ड्रोन मिलेंगे, जिनमें 15 हमारी नौसेना के लिए होंगे और आठ-आठ थलसेना और वायुसेना के लिए। अमेरिकी कंप्यूटर चिप निर्माता कंपनी माइक्रॉन द्वारा गुजरात में 85 करोड़ डॉलर का निवेश करने की घोषणा तकनीकी सहयोग की दिशा में एक और बड़ा कदम है। लैम रिसर्च 60,000 भारतीय इंजीनियरों को सेमी कंडक्टर का प्रशिक्षण देगा। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का मानना है कि इससे सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में अपने यहां व्यापक रूपांतरण होगा।

अमेरिकी कांग्रेस को दूसरी बार संबोधित करते हुए मोदी, इस उपलब्धि तक पहुंचने वाले वह भारत के इकलौते प्रधानमंत्री हैं, भारत की ब्रैंडिंग करने के मामले में अपने शिखर पर थे। दुनिया भर के लोगों का स्वागत करने और अमेरिकी सपने पूरे करने में मददगार बनने के लिए उन्होंने अमेरिका का शुक्रिया तो अदा किया ही, लगे हाथ भारत में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को उन्होंने सलाह भी दे डाली : ‘घर में भले ही हमारे विचारों में भिन्नता हो, लेकिन बाहर अपने देश की बात करते हुए हमें एक स्वर में बोलना चाहिए।’ अपनी सरकार पर सवाल उठाने वाले अमेरिकियों को भी उन्होंने यह कहते हुए खामोश कर दिया कि ‘भारत लोकतंत्र की जननी है।’ वह कह रहे थे :  ‘आज दुनिया भारत के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहती है।…हर आदमी भारत के विकास, लोकतंत्र और विविधता को समझना चाहता है। प्रत्येक व्यक्ति यह जानना चाहता है कि भारत क्या कर रहा है। हमारी शक्ति बढ़ रही है, साथ ही, हमारी गति भी बढ़ रही है। जब भारत आगे बढ़ता है, तब दुनिया आगे बढ़ती है।’

उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा विदेश मंत्री ब्लिंकन द्वारा आयोजित भोज में मोदी ने कमला हैरिस की भारतीय जड़ को रेखांकित करते हुए कहा कि वह दुनिया भर की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत-अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए उन्होंने ब्लिंकन का भी शुक्रिया अदा किया।

मोदी और बाइडन की मुलाकात पर अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेटी का कहना था :  ‘पहली बार न सिर्फ सत्ता राजनीति के शिखर पर बैठे दो व्यक्ति भविष्य के बारे में बात करने के इच्छुक थे, बल्कि दो देशों के 1.75 अरब लोगों के बीच जैसी गहराई और रिश्तों की जो गर्मजोशी और आपसी संपर्क दिखा, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। मुझे लगता है कि इतिहास इसी तरह लिखा जाता है।’