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उत्तर कोरिया के नेता किम ने देश की हमला करने की क्षमता बढ़ाने के लिए और भी खतनाक मिसाइल का करेंगा परीक्षण

सियोल।उत्तर कोरिया द्वारा चार साल से अधिक समय में पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किए जाने के कुछ दिन बाद देश के नेता किम जोंग उन ने हमले के और शक्तिशाली माध्यम विकसित करने का संकल्प लिया। इस बयान से ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार के आधुनिकीकरण तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए और हथियारों का परीक्षण कर सकता है या परमाणु से जुड़ा अन्य कोई परीक्षण जल्द ही कर सकता है। उत्तर कोरिया ने गत बृहस्पतिवार को अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम)का समुद्र की ओर परीक्षण किया था।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार समिति ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने बताया कि ह्वासोंग-17 (आईसीबीएम) 6,248 किलोमीटर (3,880 मील) की अधिकतम ऊंचाई पर पहुंची और उत्तर कोरिया तथा जापान के बीच समुद्र में गिरने से पहले उसने 67 मिनट में 1,090 किलोमीटर (680 मील) का सफर तय किया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल अमेरिकी मुख्यभूमि तक पहुंच सकती हैं। उनका कहना है कि अगर मिसाइल को एक टन से कम वजन वाले आयुध के साथ सामान्य प्रक्षेप-पथ पर दागा जाए, तो यह 15,000 किलोमीटर (9,320 मील) तक के लक्ष्य को निशाना बना सकती है। केसीएनए ने बताया कि ह्वासोंग-17 के परीक्षण में शामिल वैज्ञानिकों एवं अन्य लोगों के साथ तस्वीर खिंचवाने के दौरान किम ने खतरों से निपटने के लिए देश की हमला करने की क्षमता बढ़ाने का संकल्प लिया।

उसने किम के हवाले से कहा, ‘‘जब कोई हमला करने की दुर्जेय क्षमताओं और ऐसी सैन्य शक्ति से लैस होता है, जिसे कोई नहीं रोक सकता, तभी वह युद्ध रोक सकता है, देश की सुरक्षा की गारंटी दे सकता है और साम्राज्यवादियों की ओर से किए जाने वाले ब्लैकमेल और सभी खतरों को रोक सकता है।’’ केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि उत्तर कोरिया ‘‘हमला करने के लिए और शक्तिशाली माध्यम’’ विकसित करेगा और उन्होंने इस बात का भरोसा जताया कि उनका ‘‘देश किसी अन्य देश को परमाणु युद्ध से रोकने के लिए और सटीक अवरोधक’’ तैयार करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिये दबाव डालना चाहता है। यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था। उत्तर कोरिया, 2017 में तीन आईसीबीएम परीक्षणों के साथ अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है।