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दुनिया की आबादी आठ अरब, भारत का सर्वाधिक योगदान, दूसरे नम्बर पर चीन

दुनिया की आबादी 15 नवंबर को आठ अरब के आंकड़े को पार कर गई। साल 2100 ले पहले ये आंकड़ा 10 अरब को भी पार कर लेगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया की जनसंख्या सात अरब से आठ अरब तक पहुंचने में 17.7 करोड़ लोगों का सार्वाधिक योगदान भारत का है। दूसरे नंबर पर चीन है जिसने इसमें 7.3 करोड़ लोग जोड़े हैं। वैसे यूएन विशेषज्ञों का मानना है कि जन्मदर लगातार गिरने की वजह से अब दुनिया भर में आबादी बढ़ने की रफ्तार कम होने लगी है। इनका आकलन है कि इस सदी में ही आबादी बढ़ने की रफ्तार अपनी ऊंचाइयों पर होगी और इसके बाद कम होने लगेगी।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि मानवता की उपलब्धियों का प्रमाण है, जिसमें गरीबी और लैंगिक असमानता में कमी, स्वास्थ्य देखभाल में प्रगति और शिक्षा तक पहुंच का विस्तार शामिल है। इसके परिणामस्वरूप अधिक महिलाएं प्रसव के बाद बची हैं, अधिक बच्चे अपने शुरुआती वर्षों में जीवित रहे हैं। हालांकि, एक रिपोर्ट में, आर्थिक और सामाजिक मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव, लियू झेनमिन ने कहा कि तेजी से जनसंख्या वृद्धि भूख और गरीबी की चुनौतियों को और अधिक गंभीर बना सकती है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा, “तीव्र जनसंख्या वृद्धि गरीबी उन्मूलन, भूख और कुपोषण का मुकाबला करने, और स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणालियों के कवरेज को और अधिक कठिन बना देती है।

सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश

चीन भारत अमेरिका इंडोनेशिया पाकिस्तान
1.42 अरब 1.41 अरब 33.8 करोड़ 27.6 करोड़ 23.6 करोड़
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2050 तक आठ देशों का योगदान सबसे ज्यादा

2022 में दो सबसे अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र एशिया में होंगे। पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशिया का जनसंख्या में 29 फीसदी योगदान होगा। मध्. और दक्षिण एशिया का इसमें योगदान 26 फीसदी होगा। अनुमान के मुताबिक 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में होने वाली बढ़ोतरी में आधे से अधिक योगदान आठ देशों का होगा। इनमें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इजिप्ट, इथोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और यूनाइटेड रिपबल्कि ऑफ तंजानिया शामिल है।